श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के प्रमुख सज्जाद लोन को शुक्रवार को श्रीनगर में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया। सज्जाद लोन ने रिहा होने के बाद इसकी जानकारी ट्विटर पर दी। लोन मुख्य धारा के उन 50 नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पिछले साल पांच अगस्त को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करने के समय गिरफ्तार किया गया था।
कश्मीरी नेता ने ट्वीट किया, “साल भर की अवधि से पांच दिन पहले अंतत: मुझे आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया है कि मैं एक आजाद व्यक्ति हूं। काफी कुछ बदल गया है। मैं भी बदल गया हूं। जेल कोई नया अनुभव नहीं था। पहले के जेल के अनुभव कठोर थे, शारीरिक यातना के साथ। लेकिन यह मानसिक यातना थी। आशा करता हूं जल्द ही और भी बातें साझा करूंगा।”
Finally 5 days short of a year I have been officially informed that I am a free man. So much has changed. So have I. Jail was not a new experience. Earlier ones were harsh with usual doses of physical torture. But this was psychologically draining. Much to share hopefully soon.
— Sajad Lone (@sajadlone) July 31, 2020
उनकी पार्टी ने भी ट्वीट किया, “जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन 360 दिनों की हिरासत के बाद आधिकारिक तौर पर रिहा कर दिए गए हैं।”
हंदवारा से पूर्व विधायक लोन को प्रारंभ में श्रीनगर के एसकेआईसीसी में हिरासत में रखा गया था, उसके बाद उन्हें अन्य गिरफ्तार नेताओं के साथ एमएलए हास्टल में रखा गया, और उसके बाद उनके घर में हिरासत में रखा गया।
पिछले साल हिरासत में लिए गए मुख्य धारा के कई नेताओं को रिहा किया जा चुका है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला शामिल हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित कई अन्य नेता अभी भी नजरबंद हैं।