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Johnson & Johnson की वैक्सीन को मिली भारत में मंजूरी लेकिन इस कंपनी का रहा है विवादों से नाता

Johnson & Johnson’s vaccine: इस बीच सरकार की ओर से देश में दिग्गज फार्मा जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल-खुराक कोविड -19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। सरकार की मंजूरी मिलने के साथ ही जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल-खुराक कोविड -19 वैक्सीन ऐसी पांचवी वैक्सीन बन गई है जिसे देश में इस्तेमाल को इजाजत मिली है।

नई दिल्ली। देश में कहर बनकर सामने आए कोरोना वायरस का असर अब भी कम नहीं हुआ है। हर दिन के साथ इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या सरकार की चिंता बढ़ा रही है। हालांकि लोगों को सुरक्षा और सेहत का ख्याल रखते हुए सरकारें भी वैक्सीनेशन अभियान को गति दे रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे सुरक्षित रखा जा सके। देश में इस वक्त कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पुतनिक वी और मॉडर्ना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच सरकार की ओर से देश में दिग्गज फार्मा जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल-खुराक कोविड -19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। सरकार की मंजूरी मिलने के साथ ही जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल-खुराक कोविड -19 वैक्सीन ऐसी पांचवी वैक्सीन बन गई है जिसे देश में इस्तेमाल को इजाजत मिली है।

Johnson And Johnson

Johnson & Johnson कंपनी का विवादों से नाता

अब बात अगर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी की तो Johnson & Johnson का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है। बच्चों के लिए शैंपू,पाउडर और क्रीम जैसी चीजें बेचे वाली कंपनी Johnson & Johnson हमेशा से अपने प्रोडक्ट्स को लेकर विवादों में रही है। ग्राहकों द्वारा कंपनी के उत्पादों और कंपनी के खिलाफ मामले भी दर्ज हुए हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कंपनी से जुड़े कुछ ऐसे विवादों के बारे में जब कंपनी चर्चा में आई।

अभी कुछ ही समय पहले कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को एक न्यूयॉर्क स्टेट जज ने बेबी पाउडर केस में 120 मिलियन डॉलर का हर्जाना देने का आदेश दिया था। आदेश के मुताबिक, कंपनी को ये जुर्माने की राशि उस महिला और उसके पति को देनी थी जिन्होंने कंपनी के पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने का आरोप लगाया था। महिला के वकील ने आरोप लगाया था कि कपंनी को इस बारे में साल 1970 से ही जानकारी थी की उनके टैल्कम पाउडर में ऐसे हानिकारक केमिकल्स हैं जिनसे सेहत को नुकासन पहुंचने की आशंका है लेकिन कंपनी ने लोगों की सेहते के साथ खिलवाड़ करते हुए इस बात को छुपाए रखा।

Johnson and Johnson Vaccine

इस मामले के अलावा अभी बीते महीने जुलाई में कंपनी बाजारों से अपने सनस्क्रीन उत्पादों को वापस लेने का फैसला किया था। कंपनी के ऐसा करने के पीछे का कारण उसके कुछ उत्पादों के सैंपल में कम मात्रा में बेंजीन पाया गया जाना था। बेंजीन एक ऐसा केमिकल है जिससे की कैंसर होने का खतरा बना रहता है। एक समाचार एजेंसी की मानें तो, जब सनस्क्रीन उत्पादों का आंतरिक परीक्षण हुआ तो ये बात सामने आई की इसमें कैंसर को जन्म देने वाले केमिकल शामिल है। जिसके बाद सावधानी बरतते हुए कंपनी ने उत्पादों को बाजारों से वापस लेने का फैसला लिया।

Johnson & Johnson .

सवालों के घेरे में जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन

जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल-खुराक कोविड-19 वैक्सीन की बात करें तो ये कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मददगार साबित तो होगी लेकिन इस वैक्सीन के तार विवादों से भी जुड़े हैं। वैक्सीन के साथ एक विवाद तब जुड़ा जब इसके इस्तेमाल से अमेरिका में कई लोगों में खून के थक्के बनने की शिकायत आई थी। जिसके बाद इस साल 13 अप्रैल को अमेरिका सरकार ने जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी, लेकिन 23 अप्रैल को इस रोक को हटा लिया गया। इसके अलावा हाल ही में सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि इसमें इंसानी भ्रूण का डीएनए भी मिलाया गया है। इस पर अमेरिका के न्यू ऑर्लियंस स्थित रोमन कैथोलिक आर्चडियोसिस ने बयान जारी कर विरोध जताया। बाद में कंपनी की ओर से कहा गया कि वैक्सीन में लैब में तैयार इंसानी भ्रूण कोशिकाएं इस्तेमाल की गई हैं। इंसानी भ्रूण से इसका कोई नाता नहीं है।