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President Election: राष्ट्रपति चुनाव में हार तय देख यशवंत सिन्हा ने चला तुष्टिकरण का कार्ड, कहा- ‘अगर मैं राष्ट्रपति बना तो…’

President Election: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) तीन साल पहले जब संसद से पास हुआ था तो इसके  पूरे देश में बवाल देखने को मिला है। इस कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन कई जगहों पर हिंसक तक हो गए थे। सियासी पार्टियों भी लगातार इस कानून का विरोध कर रही थी।

नई दिल्ली। देश में जल्द ही राष्ट्रपति पद को लेकर चुनाव होना है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होगा जिसके बाद 21 जुलाई को देश को नया महामहिम मिल जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने यशवंत सिन्हा के नाम को आगे रखा है तो वहीं, एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर आगे रखा है। अब विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बड़ा बयान दिया है।

बता दें, केंद्र सरकार ने साल 2019 में नागरिकता (संशोधन) कानून को संसद में पास किया था। इस बिल का उद्देश्य था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये 6 समुदायों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी) के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाए। हालांकि इन 6 समुदायों में मुस्लिम समुदाय को शामिल न किए जाने को लेकर कई राजनीतिक पार्टियां इस कानून का विरोध कर रहीं हैं। अब एक बार फिर से मामला गर्माने लगा है।

yashwant sinha

बीते दिन बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा है कि अगर वो निर्वाचित होते हैं तो वो सुनिश्चित करेंगे कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू न हो। असम के सांसदों और विधायकों के साथ बातचीत करते हुए सिन्हा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अभी तक सीएए कानून को लागू नहीं कर पाई है। इसकी वजह ये है कि इसका मसौदा जल्दबाजी में ‘मूर्खतापूर्ण तरीके से तैयार’ किया गया था। सिन्हा ने कहा, “नागरिकता असम के लिए एक बड़ा मुद्दा है और सरकार देश भर में कानून लाना चाहती है लेकिन अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है।”

‘बाहरी ताकतों से नहीं, सत्ता में बैठे लोगों से खतरा’

इसके आगे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा, “पहले सरकार ने कोविड-19 महामारी का बहाना दिया, लेकिन अब भी वे इसे लागू नहीं कर पाए हैं क्योंकि यह जल्दबाजी में मूर्खतापूर्ण तरीके से तैयार किया गया अधिनियम है।” सिन्हा ने कहा कि देश के संविधान को बाहरी ताकतों से नहीं बल्कि जो लोग सत्ता में बैठे है उन लोगों से खतरा है। यशवंत सिन्हा ने कहा, “हमें देश के संविधान को बचाना होगा। यदि मैं राष्ट्रपति निर्वाचित होता हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि सीएए लागू नहीं हो।”

CAA Protest in Muzaffarnagar

आपको बता दें, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) तीन साल पहले जब संसद से पास हुआ था तो इसके  पूरे देश में बवाल देखने को मिला है। इस कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन कई जगहों पर हिंसक तक हो गए थे। सियासी पार्टियों भी लगातार इस कानून का विरोध कर रही थी। सरकार ने इसे लेकर लगातार स्थिति साफ की। हालांकि अभी तक कोरोना और विरोध की वजह से इसे लागू नहीं किया जा सका है। अब देखना होगा कि ये मामला अब कहां जाकर थमता है।