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Joshimath: जोशीमठ को बचाने के लिए बना ली केंद्र और उत्तराखंड सरकार ने योजना, जानिए कौन से कदम उठाए जाने की है तैयारी

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धसकने से घरों और सड़कों में दरारें पड़ रही हैं। दीवारों और फर्श से पानी के सोते फूट रहे हैं। इससे वहां के लोगों में हाहाकार मचा है। अब तक 90 परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है। अन्य परिवारों को भी शिफ्ट करने की तैयारी है। जोशीमठ में 4500 भवन हैं।

जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धसकने से घरों और सड़कों में दरारें पड़ रही हैं। दीवारों और फर्श से पानी के सोते फूट रहे हैं। इससे वहां के लोगों में हाहाकार मचा है। अब तक 90 परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है। अन्य परिवारों को भी शिफ्ट करने की तैयारी है। जोशीमठ में 4500 भवन हैं। इनमें से 603 मकानों में दरारें पड़ी हैं। ये सारे घर खतरनाक हो गए हैं। इस मसले पर उत्तराखंड सरकार के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी भी चिंता में हैं। मोदी के निर्देश पर उनके प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने रविवार को उत्तराखंड के बड़े अफसरों, एनडीआरएफ वगैरा के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में कई फैसले लिए गए हैं। वहीं, उत्तराखंड सरकार की तरफ से गठित कमेटी ने भी रिपोर्ट दे दी है। इस रिपोर्ट के जरिए जोशीमठ और वहां के लोगों को बचाने की हर संभव कोशिश अब शुरू होने वाली है।

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पीएमओ स्तर पर हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ तत्काल जोशीमठ के लिए लघु, मध्यम और लंबी अवधि की योजनाएं बनाएंगे। एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की 4 टीमें जोशीमठ में हैं। वहीं, आज सीमा प्रबंधन के सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी NDMA के सदस्य जोशीमठ जाकर खुद हालात का जायजा लेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन इंस्टीट्यूट, भारतीय भूगर्भ सर्वे, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ भी जोशीमठ जाएंगे और शहर को बचाने के लिए कदम उठाए जाने पर अपनी रिपोर्ट देंगे।

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जोशीमठ के एक मकान में आई दरार के बाद परिवार ने किया पलायन

वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ मामले में जो 8 सदस्यों की कमेटी बनाई थी, उसने भी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि प्रभावित मकानों से लोगों को तुरंत हटाया जाए। क्षतिग्रस्त मकानों को गिराकर उसका मलबा हटाया जाए। जेपी कॉलोनी से मारवाड़ी ब्रिज तक मकानों और सड़क पर आ रहे पानी के कारण जमीन के भीतर खाली जगह बनने की बात भी कमेटी ने कही है। कमेटी ने ये सुझाव भी दिया है कि अलकनंदा की कटान को रोकने के लिए एक अर्धचंद्राकार दीवार भी बनाने की जरूरत है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दो दिन पहले जोशीमठ का दौरा किया था। तब उन्होंने कहा था कि कमेटी की रिपोर्ट आते ही सरकार उसके सुझावों पर काम शुरू कर देगी।