लखनऊ। उत्तर प्रदेश कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिस कर्मियों की मौत के जिम्मेदार 5 लाख का इनामी कुख्यात विकास दुबे को मप्र पुलिस ने उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया है। कई दर्जन टीमें उसकी गिरफ्तारी में लगी हुई थीं। लेकिन वह लगातार चकमा दे रहा था। अब मध्य प्रदेश पुलिस उसे यूपी पुलिस सौंपने जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे की उज्जैन से गिरतारी के मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की है। मध्य प्रदेश पुलिस अब विकास दुबे को यूपी पुलिस को हैंड ओवर करेगी। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने भी विकास दुबे की गिरतारी की पुष्टि की है।
Chief Minister Shivraj Singh Chouhan has spoken with Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath over the arrest of Vikas Dubey from Ujjain. MP Police will hand over him to UP Police: Madhya Pradesh Chief Minister’s Office (file pics) #KanpurEncounter pic.twitter.com/BDqZqAQPJP
— ANI (@ANI) July 9, 2020
ज्ञात हो कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है।
वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। 2001 में कानपुर देहात के शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चौयरमेन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था। कोई गवाह न मिलने के कारण केस से बरी हो गया।
क्या-क्या रहा केस में-
दो जुलाई – विकास दुबे को गिरफ्तार करने तीन थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
तीन जुलाई- पुलिस ने सुबह सात बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया।
चार जुलाई- पुलिस विकास तिवारी के घर पर बुलडोजर चलवा देती है। उसकी लग्जरी कारें तोड़ दी जाती है। पूरी रात सर्च आपरेशन चला। रात में आई जी मोहित अग्रवाल ने कहा कि सूचना थी कि विकास ने अपने घरों की दीवारों में चुनवाकर छिपाए हैं हथियार। इसलिए की जा रही है कार्रवाई।
पांच जुलाई- पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
छह जुलाई- पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
सात जुलाई- इस मामले में विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से तबादला कर दिया जाता है। चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। पुलिस विकास के 15 साथियों का पोस्टर जारी करती है।
आठ जुलाई- विकास दुबे पर ढ़ाई लाख से इनाम बढ़ा कर पांच लाख किया जाता है। एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
नौ जुलाई- प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए। विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया गया।