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Huge Step: कर्नाटक में अब जबरन या लालच देकर धर्म बदलवाने पर 5 साल की कैद होगी, पास हुआ बिल

पूर्व सीएम सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ है। इस पर बोम्मई ने कहा कि आरएसएस धर्मांतरण के खिलाफ है, यह कोई छिपी बात नहीं है। 2016 में कांग्रेस सरकार ने आरएसएस की नीति का अनुकरण करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान विधेयक की पहल क्यों की ?

बेंगलुरु। कर्नाटक में अब जबरन या लालच देकर किसी का धर्म बदलवाने पर 5 साल तक की कैद की सजा और कम से कम 25 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। वहीं, नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति / जनजाति के संदर्भ में प्रावधानों के उल्लंघन पर अपराधियों को तीन से 10 साल की कैद और कम से कम 50 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा जिनका धर्मांतरण वो करेंगे, उन्हें मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपए मिलेंगे। सामूहिक धर्मांतरण के मामलों के संबंध में तीन से 10 साल तक की जेल और एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रस्ताव है। अपराध गैर जमानती और संज्ञेय होगा। इस संबंध में कर्नाटक की बासवराजा बोम्मई सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में बिल पास कराया है।

Karnataka assembley

बिल का विपक्षी कांग्रेस ने जमकर विरोध किया, लेकिन सरकार की ओर से सदन में कुछ दस्तावेज पेश करने के बाद कांग्रेस के विधायक बचाव की मुद्रा में आते दिखे। सीएम बोम्मई ने कहा कि ये बिल संवैधानिक और कानूनन सही हैं। सरकार का इरादा धर्मांतरण की समस्या को दूर करना है। वहीं कांग्रेस ने इसे जनविरोधी, गरीब विरोधी, कठोर और अमानवीय बताया। बोम्मई ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि यह एक स्वस्थ समाज के लिए है। कांग्रेस अब इसका विरोध करके वोट बैंक की राजनीति कर रही है, उनका दोहरा मापदंड अब स्पष्ट है। ईसाई समुदाय के नेताओं ने भी विधेयक का विरोध किया था। बिल के पास होने के बाद अब जो लोग कोई अन्य धर्म अपनाना चाहते हैं, उन्हें 30 दिन पहले डीएम के पास घोषणापत्र देना होगा।

Karnatak CM Siddharamaia

कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बिल पेश करते हुए बताया कि आठ राज्य इस तरह का कानून पारित कर चुके हैं या लागू कर रहे हैं और कर्नाटक नौवां ऐसा राज्य बन जाएगा। चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के लिए सिद्धरमैया की पूर्व कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। वहीं, पूर्व सीएम सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि इस विधेयक के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ है। इस पर बोम्मई ने कहा कि आरएसएस धर्मांतरण के खिलाफ है, यह कोई छिपी बात नहीं है। 2016 में कांग्रेस सरकार ने आरएसएस की नीति का अनुकरण करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान विधेयक की पहल क्यों की ? क्योंकि उस वक्त हिमाचल में तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह ऐसा ही बिल लाए थे।