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Karnataka Water Woes: कर्नाटक सरकार की मुफ्त योजनाओं की बेंगलुरु वासियों पर गिरी गाज, बढ़ी बिजली दरों के बाद पानी भी महंगा हुआ

कर्नाटक में राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले 5 मुफ्त गारंटियों का एलान किया था। इनमें महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा, हर बीपीएल परिवार के सदस्य को हर महीने 10 किलो मुफ्त चावल, बेरोजगारों को 1500 से 3000 रुपए प्रति महीने भत्ता, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली जैसी चीजें थीं। इनको लागू किया गया है।

बेंगलुरु। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतकर आई कांग्रेस की सिद्धारामैया सरकार के दौर में लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले 5 मुफ्त सेवा की गारंटी कर्नाटक की जनता को दी थी। इन गारंटी को पूरा करने के लिए पहले बिजली की दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ी। अब बढ़ी हुई बिजली दरों की वजह से बेंगलुरु में लोगों को पानी के लिए भी ज्यादा दर चुकानी होगी। ये फैसला बेंगलुरु में पानी सप्लाई करने वाले बोर्ड ने लिया है। जल सप्लाई बोर्ड के मुताबिक बिजली की दर बढ़ने के कारण उसके अतिरिक्त 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ऐसे में पानी की दरें बढ़ाने के अलावा उसके सामने और कोई रास्ता नहीं है।

बीजेपी के प्रवक्ता अशोक गौड़ा ने कहा कि पहले ही बिजली की दरों में काफी बढ़ोतरी की गई। अब बेंगलुरु के लोगों को पानी के लिए 40 पैसे की जगह 1 रुपए सीसीएम देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सिद्धारामैया सरकार ने सिर्फ 3 मुफ्त गारंटी लागू की, लेकिन आम लोगों से 30 तरह की सुविधाएं छीनने का काम किया है। बीजेपी पहले से ही बढ़ी हुई बिजली दरों का विरोध कर रही है। बीते दिनों कर्नाटक में उद्योगों के संगठन ने भी बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ बंद रखा था। अब पानी की दरें बढ़ने का मसला भी बड़ा राजनीतिक रंग लेता दिख रहा है।

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कर्नाटक में राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले 5 मुफ्त गारंटियों का एलान किया था। इनमें महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा, हर बीपीएल परिवार के सदस्य को हर महीने 10 किलो मुफ्त चावल, बेरोजगारों को 1500 से 3000 रुपए प्रति महीने भत्ता, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली जैसी चीजें थीं। सरकार गठन के बाद सीएम सिद्धारामैया ने पहली कैबिनेट मीटिंग में इन गारंटियों को लागू करने का फैसला किया था। जिसके बाद ही बिजली की दरों में इजाफा हुआ था।