नई दिल्ली। जब दिल्ली में कोरोना हाहाकार मचा रहा था, तो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार विज्ञापन देने में मस्त थी। ये जानकारी न्यूजलॉन्ड्री नाम की वेबसाइट ने एक आरटीआई के जरिए दी है। वेबसाइट के मुताबिक कोरोना के समय केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने हर रोज करीब एक करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया। वेबसाइट को दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने इस बारे में प्रतिक्रिया दी और कहा कि केजरीवाल तो विज्ञापन जीवी हैं। लोगों का हाल खराब है और विज्ञापन में सबकुछ अच्छा बताने में दिल्ली सरकार जुटी हुई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में दिल्ली सरकार पर टिप्पणी करते हुए कह चुका था कि वो जांच करा सकता है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना काल में कितना काम किया और कितना विज्ञापन पर खर्च किया।
न्यूजलॉन्ड्री नाम की वेबसाइट ने जब आरटीआई के जरिए पता किया, तो देखा गया कि दिल्ली सरकार ने मार्च 2020 से 30 जुलाई 2021 तक विज्ञापन में कुल 490 करोड़ रुपए खर्च किए। आरटीआई से पता चला कि मार्च 2020 में ही दिल्ली सरकार ने हर दिन 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम विज्ञापन में झोक दी। इसके अलावा अप्रैल 2020 से मार्च 2021 यानी एक साल में दिल्ली सरकार ने हर महीने 24 करोड़ से ज्यादा की रकम विज्ञापन पर खर्च कर दी। अप्परैल 2021 से जुलाई तक उसने 93.76 करोड़ रुपए विज्ञापन देने में खर्च किए।
इससे पहले आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडेय ने पता किया था कि केजरीवाल सरकार ने सत्ता संभालने के बाद लगातार विज्ञापन देना शुरू किया। साल 2012-13 में केजरीवाल सरकार का विज्ञापन खर्च 11.18 करोड़ रुपए था। 2013-14 में 25.24 करोड़ का विज्ञापन दिया गया। 2014-15 में विज्ञापन पर दिल्ली सरकार ने 11.12 करोड़ रुपए खर्च किए। जबकि, 2015-16 में यह खर्च 81.23 करोड़ रुपए और फिर 2016-17 में 67.25 करोड़ हो गया। फिर 2017-18 में केजरीवाल सरकार ने 117.76 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए। 2018-19 में 45 करोड़ और फिर 2019-20 में करीब 200 करोड़ रुपए हुआ। केजरीवाल सरकार ने 2020-21 में 242.38 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च कर दिए थे।