नई दिल्ली। यूपी चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने नारा दिया है “लड़की हूं, लड़ सकती हूं”। वो घूम-घूमकर बालिकाओं और महिलाओं की ताकत बढ़ाने की बात कर रही हैं। वहीं, दीपक तले अंधेरे की कहावत को हकीकत बनाते हुए कांग्रेस ने एक ऐसे नेता को वापस पार्टी में अहम जिम्मेदारी दी है, जिसे पहले यौन उत्पीड़न के आरोप में निकाल दिया गया था। एक अंग्रेजी अखबार ने ये खबर दी है। अखबार के मुताबिक यौन उत्पीड़न के इस आरोपी का नाम रणजीत मुखर्जी है। उसे हाल ही में कांग्रेस ने त्रिपुरा, नगालैंड और सिक्किम का सचिव बनाया है। मुखर्जी इससे पहले कांग्रेस की ओर से पश्चिम बंगाल के बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से 2019 का चुनाव भी लड़ चुका है।
अखबार के मुताबिक 41 साल के रणजीत मुखर्जी ने 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इसकी वजह थी यौन उत्पीड़न की घटनाएं। कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने शिकायत मिलने के बाद जांच की थी और उसे दोषी पाया था। गौड़ा ही कांग्रेस का रिसर्च विभाग संभालते हैं। मुखर्जी उसी विभाग में था और वहां की दो महिला कर्मचारियों ने उसके खिलाफ शिकायत की थी। एक युवती ने आरोप लगाया था कि 2018 के राजस्थान चुनाव के वक्त रणजीत ने उसका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की। वहीं, दूसरी महिला ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे। अखबार की खबर के मुताबिक इन दोनों महिलाओं ने फिर राजीव गौड़ा को ई-मेल के जरिए रणजीत के दोबारा कांग्रेस में शामिल किए जाने पर सवाल खड़ा किया है।
दोनों महिलाओं का कहना है कि रणजीत मुखर्जी की आदत यौन उत्पीड़न करने की है। ये साबित भी हो चुका है। फिर उसे कांग्रेस में क्यों रखा गया। वहीं, अखबार ने रणजीत मुखर्जी से संपर्क साधा, तो उसने कहा कि उसे काफी सजा मिल चुकी है और जो कुछ भी हुआ था, वो दोनों पक्षों की मंजूरी से ही हुआ था। उसका कहना था कि उसे कांग्रेस से एक साल से भी दूर रखा गया। पार्टी ने उसके अच्छे काम को देखते हुए दोबारा जगह दी है। वहीं, आरोप लगाने वाली दोनों महिलाओं ने अखबार को बताया कि रणजीत ने और भी महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया है। उन्होंने उसे हटाने के लिए बीते शुक्रवार को राजीव गौड़ा को ई-मेल किया था, लेकिन अब तक रणजीत को हटाया नहीं गया है।