नई दिल्ली। देश में बने कृषि कानूनों की वापसी पर सरकार के नरम रुख को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं। संसद में शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो गई है, और इससे पहले ही राकेश टिकैत का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून पर सरकार की ओर से आनाकानी की जा रही है, यदि सरकार किसानों की सभी मांगे पूरी नहीं करती है तो फिर से ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने इस कानून को बड़ी बीमारी करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ”बीच में एक बीमारी आई थी, उम्मीद है वो खत्म हो जाएगी। ये कानून व्यापारियों के भले के लिए थे, किसानों के भले के लिए एमएसपी है उसपर सरकार आनाकानी कर रही है। सरकार क्यों नहीं एमएसपी पर कानून बना देती।”
राकेश टिकैत ने अपने बयान में आगे कहा कि ”एमएसपी पर गारंटी कानून बन जाए, जो किसान शहीद हुए उनके परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए, किसानों पर मुकदमे वापस हो। इतने में किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा।” इसके साथ ही टिकैत ने कहा कि ‘’हम इसी देश के बाशिंदे हैं और बगैर एमएसपी कानून के वापस नहीं जाएंगे।”
Kaushambi, UP | Govt wants that there should be no protests in the country but we’ll not leave the protest site before any discussion on MSP including other issues: BKU leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/YBoIoI8p3S
— ANI (@ANI) November 29, 2021
गौरतलब है कि इससे पहले कृषि कानूनों की वापसी के बाद MSP पर कानून की मांग करते हुए राकेश टिकैत का कहना था कि 26 जनवरी दूर नहीं है और 4 लाख ट्रैक्टर और किसान तैयार कर दिए गए हैं। बता दें कि, पिछले साल 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान ही राजधानी दिल्ली में हिंसा की घटना को अंजाम दिया गया था। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी लाल किले की सीमा में भी घुस गए थे।