नई दिल्ली। बीजेपी लगातार कहती थी कि संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने से ही जम्मू-कश्मीर में शांति आएगी। उसकी ये बात हकीकत बन गई है। साल 2018 के मुकाबले कश्मीर घाटी में आतंकवाद में बड़ी कमी आई है। ये बात जम्मू-कश्मीर पर कल दिल्ली में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में सामने आई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने पर जोर दिया गया, ताकि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद पर पूरी तरह लगाम कसी जा सके। बैठक में जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे।
बैठक में शाह ने सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इनकी वजह से ही आतंकवाद की कमर तोड़ने में सफलता मिली है। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जहां साल 2018 में 417 आतंकी वारदात हुईं, लेकिन साल 2021 में इनमें बड़ी कमी आई और कुल 229 आतंकी घटनाएं ही घाटी में हुईं। उन्होंने बताया कि साल 2018 में 91 जवान शहीद हुए थे, जबकि साल 2021 में जवानों की शहादत की संख्या भी 42 हुई है। इसके अलावा बैठक में जम्मू-कश्मीर के विकास पर भी चर्चा हुई। यहां रेलवे, हाइवे, नए टनल, दो एम्स, आईआईटी, आईआईएम वगैरा बन रहे हैं।
इससे पहले गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बजट सत्र के पहले चरण के दौरान संसद में बताया था कि जम्मू-कश्मीर में विभिन्न योजनाओं के तहत 141815 नए प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। लद्दाख में करीब 17556 नए प्रोजेक्ट पूरे भी किए गए। जम्मू-कश्मीर में इन सभी काम को पूरा करने के लिए करीब 27274 करोड़ रुपए और लद्दाख के लिए 3097.14 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में विकास के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए 19142.63 करोड़ और लद्दाख के लिए 1810.97 करोड़ रुपए का आवंटन भी किया गया है। यानी साफ है कि एक तरफ आतंकवाद से घाटी के लोगों को निजात दिलाने के लिए काम चल रहा है, तो दूसरी तरफ दशकों से बदहाल घाटी को संवारने और यहां के लोगों की जिंदगी सुधारने की दिशा में भी मोदी सरकार काम कर रही है।