Farmer Protest: किसान नेताओं के बीच आपसी मतभेद?, आंदोलन को लेकर उठने लगे हैं सवाल!
Farmer Protest: दरअसल आंदोलन को अक्टूबर तक ले जाने को लेकर किसान नेताओं में आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। इसी के चलते किसान नेताओं में आपसी मतभेद नजर आ रहे हैं।

नई दिल्ली। वैसे तो किसान आंदोलन को अक्टूबर तक चलाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भले ही दम भर रहे हों लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि किसान नेताओं में आपसी खींचतान चल रही है। दरअसल आंदोलन को अक्टूबर तक ले जाने को लेकर किसान नेताओं में आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। इसी के चलते किसान नेताओं में आपसी मतभेद नजर आ रहे हैं। बता दें कि इस तरह के मतभेदों से सवाल उठने लगे हैं कि क्या किसान आंदोलन को लेकर प्रदर्शन कर रहे संगठनों के बीच फूट पड़ने लगी है? दरअसल राकेश टिकैत ने आंदोलन पर कहा था कि वो आंदोलन पूरे साल चलाने वाले हैं। इस बयान से हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किनारा कर लिया है। उन्होंने इसे राकेश टिकैत की निजी राय कहा है।
चढूनी ने कहा कि दो अक्टूबर तक आंदोलन चलाने की बात राकेश टिकैत ने कही थी, लेकिन यह उनकी निजी राय है। साथ ही चढूनी ने चुनावों में बीजेपी का विरोध करने की बात कही है। चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत में चढूनी ने कहा कि 2 अक्टूबर तक आंदोलन को ले जाने की बात राकेश टिकैत ने कही है, हमने नहीं, और ये बयान राकेश टिकैत का निजी बयान है, उनकी अपनी राय है।
आंदोलन को 2 अक्टूबर तक ले जाने पर उन्होंने कहा कि, संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अब तक 2 अक्टूबर तक आंदोलन चलने और उसके बाद के कार्यक्रम को लेकर दिए गए बयान पर कोई भी अधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है। ये उनकी निजी राय और कार्यक्रम है।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसान आंदोलन में भाग ले रहे किसान संगठनों में आपसी मतभेद है या फिर उनके नेताओं में तालमेल की कमी है। जाहिर है कि राकेश टिकैत भले ही आंदोलन को लंबा चलाने को लेकर बयान दे रहे हैं, लेकिन गुरनाम सिंह चढूनी ने इससे इत्तेफाक नहीं रखा है।