पटना। सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के एक बार फिर बीजेपी का दामन थामने की अटकलों पर बिहार में सियासत गरमाई हुई है। नीतीश कुमार ने फिर बीजेपी के साथ जाने की अटकलों का खंडन भी नहीं किया है। भीतर से सूत्रों के हवाले से खबर छनकर आई है कि वो कल यानी रविवार को इस्तीफा दे सकते हैं और फिर शाम तक बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में फिर सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले हैं। इस बीच, बीजेपी के अलावा नीतीश के साथ सरकार में शामिल लालू यादव की आरजेडी में भी हलचल तेज है। बीजेपी ने आज पटना में शाम को राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। जिसमें बिहार से बीजेपी के सभी सांसद और विधायक हिस्सा लेंगे। वहीं, आरजेडी के विधायकों की दोपहर 1 बजे बैठक होगी।
अगर नीतीश कुमार की बात करें, तो उन्होंने जेडीयू के सभी सांसदों और विधायकों की बैठक रविवार को बुलाई है। नीतीश पहले भी विधायकों के साथ कई दौर की बैठक कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को विधायकों और सांसदों से अंतिम राय लेने के बाद नीतीश फिर से पाला बदलकर बीजेपी के साथ आने पर फैसला कर सकते हैं। उधर, तमाम और खबरें भी बिहार की सियासत को गरमाए हुए हैं। एक खबर तो ये है कि बिहार में कांग्रेस के 19 में से 13 विधायक टूटकर बीजेपी और नीतीश की सरकार को समर्थन दे सकते हैं। दूसरी खबर कल से ये भी तैर रही है कि लालू यादव ने नीतीश कुमार को मनाने के लिए 5 बार फोन किया, लेकिन नीतीश ने फोन नहीं उठाया। खबर ये भी आई थी कि आरजेडी नेता और लालू के करीबी शिवानंद तिवारी भी नीतीश से मिलने गए, लेकिन नीतीश नहीं मिले।
अब आपको बिहार का सियासी गणित भी बताते हैं। बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। बहुमत के लिए आंकड़ा 122 विधायकों का है। बिहार में लालू की आरजेडी के 78 और बीजेपी के भी 78 विधायक हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू के 45 विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी HAM के 5, एआईएमआईएम का 1 और 1 निर्दलीय विधायक हैं। लालू के साथ कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक हमेशा रहे हैं। ऐसे में अगर वो नीतीश की जेडीयू में सेंधमारी करने में कामयाब रहते हैं, तो इससे नीतीश का समीकरण भी पलट सकता है।