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UP Polls: यूपी की VIP सीटों पर मारेंगे बाजी या मिलेगी पटखनी; अखिलेश, स्वामी प्रसाद जैसे दिग्गज उम्मीदवारों पर ऐसा हेै एक्जिट पोल का अनुमान

UP Assembly Election : अखिलेश यादव से तो आप वाकिफ ही होंगे कि किस तरह उन्होंने करहल से चुनाव लड़ने का ऐलान कर सियासी गलियारों में चर्चा के बाजार को गुलजार करके रख दिया था। सियासी पंडितों की मानें तो उक्त सीट से उनके जीतने की संभावना अन्य किसी भी सियासी दलों के दावेदारों की तुलना में ज्यादा है।

नई दिल्ली। अगर हम आपसे पूछे कि उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी, तो संभवत: आप खीजते हुए कहेंगे कि यह कैसा बचकाना सवाल है, अभी तो महज चुनाव मुकम्मल ही हुए हैं, नतीजों की घोषणा भी नहीं हुई है, तो ऐसे हम आपसे कैसे कह सकते हैं कि यूपी में किसकी सरकार आने जा रही है, बिल्कुल सही फरमाया कि भला नतीजों से पहले कैसे कोई नतीजों की घोषणा कर सकता है, लेकिन आपको ये तो पता ही होगा कि पिछले कुछ दिनों से यूपी समेत सभी चुनावी सूबों को लेकर मुख्तलिफ मीडिया संस्थानों द्वारा एग्जिट पोल जारी किए जा रहे हैं, जिसमें यह बताया जा रहा है कि किस सूबे में किसकी सरकार आने जा रही है। इन एग्जिट पोल के मुताबिक, कहीं बीजेपी बाजी मारती दिख रही है, तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता हुआ नजर आ रहा है, तो कहीं कुछ, तो कहीं कुछ।

वैसे तो हर चुनावी सूबों में चुनावी नतीजों को लेकर एग्जिट पोल के आने का क्रम शुरू हो चुका है, लेकिन इस रिपोर्ट में हम आपको उत्तर प्रदेश की उन चुनिंदा सीटों के सूरतेहाल से रूबरू कराने जा रहे हैं, जहां कुछ सियासी सूरमाओं की प्रतिष्ठा को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। मसलन, सीएम योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट….अखिलेश की करहल सीट…और अभी हाल ही में बीजेपी से रूखसत होकर सपा का दामन थामन वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की सियासी स्थिति से आपको रूबरू कराए चलते हैं। तो आइए सबसे पहले सीएम योगी की सीट गोरखपुर की बात करते हैं कि आखिर कैसा है वहां जनता का मिजाज?

 गोरखपुर सीट

दूर-दूर तक…जी बिल्कुल…दूर-दूर तक कोई भी सीएम योगी के आगे टिकता हुआ नजर नहीं आ रहा है।  उनका पलड़ा अन्य किसी भी दलों के प्रत्याशियों की तुलना में भारी बताया जा रहा है। उनके चुनाव जीतने की संभावना अन्यत्र किसी भी प्रत्याशियों की तुलना में ज्यादा है। चाहे वो सपा का प्रत्याशी हो या कांग्रेस या बसपा। अब तक के जारी किए गए एग्जिट पोल में यह बात उभकर सामने आई है कि उनकी दावेदारी किसी भी अन्य दलों के प्रत्याशियों की तुलना में ज्यादा है, लेकिन एग्जिट पोल की ये बात कितनी सार्थक साबित हो पाती है। यह तो फिलहाल नतीजों यानी की आगामी 10 मार्च को ही पता लग पाएगा।

अखिलेश यादव

अखिलेश यादव से तो आप वाकिफ ही होंगे कि किस तरह उन्होंने करहल से चुनाव लड़ने का ऐलान कर सियासी गलियारों में चर्चा के बाजार को गुलजार करके रख दिया था। सियासी पंडितों की मानें तो उक्त सीट से उनके जीतने की संभावना अन्य किसी भी सियासी दलों के दावेदारों की तुलना में ज्यादा है। वहीं, अगर अखिलेश के इतर इस चुनाव में उनकी पार्टी के परफोरमेंस की बात करें, तो पार्टी की झोली में वोटों की बारिश कुछ खास होती हुई नजर नहीं आ रही है, लेकिन हां इतना जरूर है कि विगत विधानसभा चुनाव की तुलना में इस चुनाव में उनकी झोली में ज्यादा सीटों की बारिश होती हुई नजर आ रही है।

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स्वामी प्रसाद मौर्य की हालत पस्त

कुछ दिनों पहले बीजेपी से रूखसत होकर सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की स्थिति भी कुछ खास दुरूस्त होती मालूम नहीं पड़ती है। बीजेपी के प्रत्याशी जीत की दौड़ में आगे नजर आ रहे हैं।

सिद्धानाथ सिंह निकल रहे हैं आगे

चाहे बात एग्जिट पोल की करें, या सियासी आलीमों की, सभी का यही मानना है कि प्रयागराज सीट से सिद्धार्थनाथ आगे नजर आ रहे हैं। बहरहाल, अब देखना होगा कि सियासी पंडितों समेत सियासी आलीमों द्वारा पुरानों तजर्बातों के आधार पर लगाए गए ये कयास कितने सटीक बैठ पाते हैं। यह तो फिलहाल आगामी 10 मार्च यानी की नतीजों के दिन ही परिलक्षित हो पाएंगे।