नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों के नाम आने के बाद से ही सियासत तेज हो गई है। हालांकि रक्षा सौदों के मामले में घोटाले के आरोप की वजह से देश की रक्षा प्रणाली पर इसका गहरा असर पड़ता है। भारतीय सेना के सामान खरीद पर इस तरह के घोटाले कहीं ना कहीं इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि राजनीतिक फायदे के लिए भ्रष्टाचारी भारतीय सेना को कमजोर करने की जुगत में लगे हुए हैं। इस रक्षा सौदे में मुख्य आरोपी ने कांग्रेस के कई नेताओं का नाम लिया है। इस पर बीजेपी पूरी ताकत से कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। गौरतलब है कि पूछताछ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम के सामने मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी का नाम लिया, बल्कि उनके बेटे बकुल नाथ का भी जिक्र किया। इसके अलावा यही नहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम भी सक्सेना के बयान में शामिल है।
अब इस पूरे मामले पर सेना के पूर्व अधिकारियों ने भी सरकार को पत्र लिखकर उनसे इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है। इस पत्र में कुल 78 पूर्व सैन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र के जरिए सेना के पूर्व अधिकारियों ने मांग की है कि रक्षा खरीद के मामले में भ्रष्टाचार का भारत पर और उसकी सेना पर बुरा असर पड़ रही है। इस पत्र में बोफोर्स तोप सौदे में हुए भ्रष्टाचार का भी जिक्र किया गया है और साथ ही लिखा गया है कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के परिणामस्वरूप न केवल उच्च लागत का भुगतान कर उपकरण खरीदे गए बल्कि कई और मामलों में इसमें समझौता किया गया। इसके बाद भी रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाने में देरी हुई। राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के साथ खेलने वाले आराम से घूमते रहे। जबकि रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करना होगा। ऐसे में अब इस तरह के भ्रष्टाचार को ना केवल एक नजरिए से देखने की जरूरत है बल्कि इस पर व्यापक दायरे में विचार किया जाना चाहिए। इसे आतंकवाद जैसे अन्य कृत्यों की तरह के साथ ही देश विरोधी गतिविधियों के रूप में देखने और इसी हिसाब से कार्रवाई करने की इसमें जरूरत है।
पूर्व अधिकारियों ने इस मामले पर लिखा है कि राष्ट्र की भलाई के लिए, रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार से तत्काल निपटने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है और ऐसे मामले पर विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के माध्यम से तुरंत सुनवाई कर दोषियों को सलाखों के पीछे भेजने की जरूरत है। इसको लेकर सेना के पूर्व अधिकारियों ने मांग की है कि इसमें शामिल बिचौलिए के अलावा जो भी लोग शामिल हैं चाहे वह कोई भी हो किसी भी पार्टी के लोग हों सीधे तौर पर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे समय में जब राष्ट्र सुरक्षा के मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो इस तरह के भ्रष्टाचार का मामला राष्ट्रीय आत्मविश्वास को खत्म करता है, सशस्त्र बलों के मनोबल को प्रभावित करता है। ऐसे में हमारे लिए आवश्यक है हम राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानें और कोई भी इसकी पवित्रता के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करे उसको कड़ी सजा दी जाए।
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आया कांग्रेसियों का नाम तो बोली बीजेपी- बिना ‘डील’ नहीं होती थी यूपीए में कोई डील
चुनावों में तो कांग्रेस की नाव डूब ही रही है लेकिन अब घोटालों में भी कांग्रेसी नेताओं के नाम फिर से सामने आ रहे हैं। इससे पार्टी की हालत और खराब होती जा रही है। हर जगह से देश की सबसे पुरानी पार्टी पर संकट के बादल छाए हुए हैं। बता दें कि अब अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर घोटाला मामले में मुख्य आरोपी ने कांग्रेस के कई नेताओं का नाम लिया है। इस पर बीजेपी पूरी ताकत से कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। गौरतलब है कि पूछताछ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम के सामने मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी का नाम लिया, बल्कि उनके बेटे बकुल नाथ का भी जिक्र किया। इसके अलावा यही नहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम भी सक्सेना के बयान में शामिल है। ऐसे में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए सवाल किया है कि, ‘कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगे हैं, इस पर पार्टी को क्या कहना है?’
देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, डिफेंस डील कांग्रेस पार्टी का नाम आना ही है, ये लोग देश की सुरक्षा के साथ ऐसे ही खिलवाड़ करते रहे। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लेकर प्रसाद ने कहा कि वे बताएं कि उनका इसपर क्या कहना है।
रविशंकर प्रसाद के मुताबिक कि राजीव सक्सेना ने जो बयान दिया है उसमे उन्होंने कहा कि रतुल पुरी ने उनसे बोला था कि, “आप हमारे पिता जी और ताऊ जी के बारे में न कुछ बताइएगा और कोई डॉक्यूमेंट दीजिएगा।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हथियार सौदागर संजय भंडारी के साथ देश की बड़े राजनीतिक दलों के रसूखदार लोगों के रिश्तों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “संजय भंडारी कौन है, इनके संबंध किससे हैं यह भी पता होना चाहिए, इसके संबंधों की खोज करिए, ये भागे हुए हैं, सरकारी की एजेंसी इनकी खोज कर रही है। इनका पिछली सरकार के बड़े बड़े परिवार के बड़े बड़े लोगों से क्या संबंध है इसकी भी परख होनी चाहिए।”
बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट में मामले के एक प्रमुख आरोपी राजीव सक्सेना से पूछताछ का ब्योरा छपा है। सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में अहमद पटेल, सलमान खुर्शीद और कमलनाथ के नाम लिए थे। बता दें कि ईडी की पूछताछ में फोकस दो अन्य प्रमुख आरोपियों- डिफेंस डीलर सुशेन मोहन गुप्ता और कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी से हुए वित्तीय लेनदेन पर रहा।
सक्सेना ने आरोप लगाया है कि गुप्ता और खैतान ने बार-बार बड़े नेताओं का नाम लिया और दिखाने की कोशिस की कि, सत्ता के गलियारों में उनकी कितनी धमक है। सक्सेना के मुताबिक, ‘दोनों अक्सर सलमान खुर्शीद और कमल अंकल का नाम लिया करते थे, जो मेरे हिसाब से कमलनाथ हैं।’ बकौल सक्सेना, “उन्होंने ‘AP’ का नाम लिया जो अहमद पटेल के संदर्भ में था।” राजीव सक्सेना ने कई कंपनियों के जरिए रतुल पुरी और उसके परिवार की एक कंपनी में पैसे ट्रांसफर किए।