नई दिल्ली। कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पलात में शवों को संभालने के लिए प्रयोगशाला सहायक की भर्ती निकाली गई है। एक महीने में इस पद के लिए मात्र 6 भर्तियां निकाली गई। जिसके लिए 8000 लोगों ने आवेदन किया है। आवेदन करने वाले इन लोगों में इंजीनियर, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं। बता दें कि मुर्दाघर में प्रयोगशाला सहायक को आम बोलचाल में ‘डोम’ कहा जाता है।
वहीं 6 पदों के लिए इतने लोगों के आवेदन करने पर बंगाल बीजेपी ने ममता सरकार पर तंज कसा है। जिसे देखते हुए बीजेपी बंगाल ईकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने ट्वीट भी किया है। ट्वीट करते हुए घोष ने लिखा कि यह तीसरी बार है, जब तृणमूल कांग्रेस दोहरे रोजगार के वादे के साथ सत्ता में आई है। हम मुख्यमंत्री द्वारा किए गए सभी झूठों की वास्तविक तस्वीर देख सकते हैं। रोज़गार का बदसूरत चेहरा हमें हर दिन शर्मिंदा कर रहा है। योग्य लोगों को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। करोड़ों बेरोजगार युवाओं के सपने टूट रहे हैं। उनका भविष्य पूरी तरह से बिखर गया है।
1.1 This is the third time she has come to power with the promise of double employment.
We can see the real picture of all the lies committed by our Hon’ble CM. The ugly face of employment is embarrassing us every day. Worthy people do not get the right respect. pic.twitter.com/PPVeNJdzFG
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) July 25, 2021
आवेदकों इंजीनियर और ग्रेजुएट भी शामिल
सूत्रों की मानें तो नील रत्न सरकार चिकित्सा कॉलेज सह अस्पताल के फ़ॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सीकोलॉजी विभाग में ‘डोम के छह पदों पर भर्ती के लिए 8000 लोगों ने आवेदन किया है। आवेदन देने वाले लोगों में 100 इंजीनियर, 500 पोस्ट ग्रेजुएट और 2200 ग्रेजुएट उम्मीदवार शामिल हैं। वहीं अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि कुल आवेदकों में से 84 महिला उम्मीदवारों समेत 784 को एक अगस्त को होने वाली लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया है।
पद के लिए मांगी गई योग्यता
बता दें कि सरकार की ओर से निकाली गई इन भर्तियों के लिए कम से कम आठवीं पास और उम्र सीमा 18-40 साल तक की योग्यता मांगी गई थी। जिसके लिए 15000 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। वहीं इस मामले में इक अधिकारी ने बताया की आवेदक नौकरी की योग्यता के हिसाब से ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। इसमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि इनमे इंजीनियरिंग, पोस्ट गेजुएट और स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग भी शामिल है।