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मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ से जुड़े ये दो केंद्र शासित प्रदेश

मोदी सरकार (Modi Government) की महत्वाकांक्षी योजना ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ (one nation one ration card) से लक्षद्वीप (Lakshadweep) और लद्दाख (Ladakh) के जुड़ने के बाद अब 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी उपलब्ध हो गई है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi Government) की महत्वाकांक्षी योजना ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ (one nation one ration card) से लक्षद्वीप (Lakshadweep) और लद्दाख (Ladakh) के जुड़ने के बाद अब 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी उपलब्ध हो गई है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने मंगलवार को कहा कि लक्षद्वीप और लदाख के ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ से जुड़ने के बाद अब देश के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 65 करोड़ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के लाभार्थी इन राज्यों में कहीं भी अपने हिस्से का अनाज ले सकते हैं।

Central Minister Ramvilas paswan

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट के जरिए कहा, “आज दो और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और लक्षद्वीप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में मोदी 2.0 सरकार की महत्वाकांक्षी ‘वन नेशन वन राशनकार्ड’ योजना में शामिल हो गए हैं। अब कुल 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी उपलब्ध है।”

उन्होंने कहा कि इन राज्यों के लाभार्थी इनमें किसी भी राज्य व केंद्र शासित प्रदश में रहते हुए अपने हिस्से का अनाज ले सकते हैं और बहुत जल्द यह योजना पूरे देश में लागू हो जाएगी। खाद्य मंत्रालय ने बताया कि 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एनएफएसए के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कुल लाभार्थियों में करीब 80 फीसदी लाभार्थी अब वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत नेशनल पोर्टेबिलिटी का लाभ उठाएंगे।

इन 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, बिहार, दादर और नगर हवेली, दमन व दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं।

one nation one ration card

मंत्रालय ने बताया कि बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नेशनल पोर्टेबिलिटी से मार्च 2021 तक जोड़ने का लक्ष्य है। अगले साल मार्च तक देशभर में वन नेशन वन राशनकार्ड योजना लागू होने के बाद एनएफएसए के लाभार्थी देश में कहीं भी अपने हिस्से का अनाज ले पाएंगे। इसका फायदा खासतौर से उन लोगों को होगा जो रोजी-रोटी की तलाश में अस्थायी तौर पर एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं।