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Yogi Against Love Jihad: यूपी में सीएम योगी के कानून ने रोका धर्मांतरण और लव जिहाद, अब तक 833 लोग भेजे गए हैं जेल

आजकल लव जिहाद और इसके जरिए धर्मांतरण के मामलों के मामले कई जगह से सामने आ रहे हैं, लेकिन बीजेपी शासित यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे मामलों में प्रभावी रोक लगाने के साथ ही आरोपियों पर सटीक कार्रवाई का नजारा पेश किया है। इस कानून से धर्मांतरण और लव जिहाद करने वाले दहशत में हैं।

लखनऊ। आजकल लव जिहाद और इसके जरिए धर्मांतरण के मामलों के मामले कई जगह से सामने आ रहे हैं, लेकिन बीजेपी शासित यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे मामलों में प्रभावी रोक लगाने के साथ ही आरोपियों पर सटीक कार्रवाई का नजारा पेश किया है। हिंदी अखबार दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक योगी सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करने के बाद लव जिहाद पर प्रभावी अंकुश लगाया है। अब तक यूपी में ऐसे 427 मामले दर्ज कर 833 लोग जेल भी भेजे जा चुके हैं। इस तरह अब यूपी में खास संप्रदाय के लोग लव जिहाद और धर्मांतरण के खेल से दूर हट रहे हैं। यहां तक कि मौलाना तौकीर रजा ने भी धर्मांतरण के खेल के खिलाफ बयान दिया है।

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दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक इस साल 30 अप्रैल तक धर्मांतरण और लव जिहाद के 427 केस दर्ज हुए हैं। 185 मामलों में पीड़ितों ने कोर्ट में जबरन धर्मांतरण कराए जाने का बयान दिया है। नाबालिगों के धर्मांतरण के खेल का भी खुलासा हुआ है। इस मामले में 65 केस दर्ज किए गए हैं। बीते दिनों गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग के जरिए इस्लाम में धर्मांतरण का कुचक्र सामने आया था। इस मामले के मुख्य आरोपी को महाराष्ट्र से यूपी पुलिस गिरफ्तार कर लाई है। धर्मांतरण वाला कानून योगी सरकार ने 27 नवंबर 2020 को लागू किया था। उन्होंने कहा था कि बेटियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए उनकी सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

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सीएम योगी ने यूपी में लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ जो कानून लागू किया है, उसके तहत धोखा, लालच, जबरन या किसी दबाव से शादी और धर्मांतरण को गैरकानूनी बनाया गया है। अगर नाबालिग, अनुसूचित जाति या जनजाति की महिला का धर्मांतरण कराया जाता है, सामूहिक धर्मांतरण कराया जाता है तो ये भी गैरकानूनी है। शादी के लिए धर्मांतरण कराए जाने पर ऐसे विवाह को भी अमान्य बनाया गया है। सीएम योगी के बनाए धर्मांतरण कानून के तहत दोषी को 10 साल तक जेल और 15 से 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा मिलेगी। जबरन धर्मांतरण पर 1 से 5 साल की जेल और कम से कम 15 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति, नाबालिग और महिलाओं के धर्मांतरण पर 3 से 10 साल की कैद और जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए इतनी ही कैद के साथ 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान कानून में किया गया है।