नई दिल्ली। दिल्ली में धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवाद ने सियासी माहौल गरमा दिया है। मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा उपराज्यपाल विनय सक्सेना को लिखे गए पत्र पर अब एलजी सचिवालय की प्रतिक्रिया सामने आई है।
क्या कहा एलजी सचिवालय ने?
एलजी सचिवालय ने मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या अन्य पूजा स्थल गिराया गया है, न ही इससे जुड़ी कोई फाइल एलजी कार्यालय में आई है। मुख्यमंत्री अपनी और पूर्व मुख्यमंत्री की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए सस्ती राजनीति कर रही हैं।”
STORY | CM playing cheap politics: Delhi LG office denies Atishi’s temple demolition charge
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— Press Trust of India (@PTI_News) December 31, 2024
इसके साथ ही एलजी ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह धार्मिक स्थलों के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरते। सचिवालय ने कहा, “हाल ही में क्रिसमस समारोह के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई थी, जो दिखाता है कि प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।”
सीएम आतिशी ने क्यों लिखा था पत्र?
मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी विनय सक्सेना को पत्र लिखते हुए कहा था कि उनकी स्वीकृति से धार्मिक समिति ने दिल्ली में कई धार्मिक इमारतों को गिराने का आदेश दिया है। उन्होंने लिखा, “गिराए जाने वाले धार्मिक ढांचों में कई मंदिर और बौद्ध पूजा स्थल शामिल हैं, जो दलित समुदाय के लिए विशेष महत्व रखते हैं। इन इमारतों को गिराने से इन समुदायों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।”
#BreakingNews | दिल्ली की CM आतिशी ने LG को लिखी चिट्ठी
CM आतिशी ने मंदिर और बौद्ध मंदिर को लेकर लिखा पत्र#VKSaxena #Atishi #LG #Delhi pic.twitter.com/nV3BIV2zgc
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मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आग्रह किया था कि किसी भी मंदिर या अन्य पूजा स्थल को न गिराया जाए।
विवाद के राजनीतिक मायने
एलजी सचिवालय की प्रतिक्रिया और मुख्यमंत्री आतिशी के आरोपों के बीच यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले चुका है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या समाधान निकलता है और इसके सियासी नतीजे क्या होंगे।