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LG Vs Delhi Govt: LG वीके सक्सेना ने CAG रिपोर्ट को लेकर CM केजरीवाल को लगाई फटकार, कहा- आगे से रखिएगा ध्यान, नहीं तो…

LG Vs Delhi Govt: आर्थिक रूप से काफी क्षति पहुंचती है। लिहाजा इस बात का विशेष ध्य़ान रखें। उपराज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि समय पर कैग रिपोर्ट पेश नहीं करने से विधानसभा में चर्चा नहीं हो पाती है और हम जनता के हित के लिए कोई सार्थक फैसला नहीं ले पाते हैं। सर्वविदित है कि संविधान के मुताबिक, कैग सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करते हैं, जिस पर पहले मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अपनी मुहर लगाते हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समय पर कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट पेश नहीं करने पर कड़ी फटकार लगाई है। उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को निकट भविष्य समय पर कैग की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। यही नहीं, इस संदर्भ में उपराज्यपाल ने सीएम केजरीवाल को पत्र भी लिखा है, जिमसें उन्होंने तल्ख लहजे में सीएम केजरीवाल को भविष्य में ऐसा करने से गुरेज करने की ही हिदायत दी है। एलजी ने अपने पत्र में लिखा है कि समय पर कैग रिपोर्ट पेश नहीं करने पर सरकार के आर्थिक खजाने को गहरा झटका लगता है। आर्थिक रूप से काफी क्षति पहुंचती है। लिहाजा इस बात का विशेष ध्य़ान रखें। उपराज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि समय पर कैग रिपोर्ट पेश नहीं करने से विधानसभा में चर्चा नहीं हो पाती है और हम जनता के हित के लिए कोई सार्थक फैसला नहीं ले पाते हैं। सर्वविदित है कि संविधान के मुताबिक, कैग सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करते हैं, जिस पर पहले मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अपनी मुहर लगाते हैं। इसके बाद इसे विधानसभा में चर्चा करने हेतु उपराज्यपाल के समक्ष पेश किया जाता है, ताकि जनता के संदर्भ में हितकारी फैसले लिए जा सकें।

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उपराज्यपाल ने अपने पत्र में क्या लिखा है?

उपराज्यपाल ने अपने पत्र में कई ऐसी बातों का जिक्र किया है, जो कि गंभीर प्रकृति के मालूम पड़ते हैं। जिन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है और इन्हें संज्ञान में लेने के बाद इस पर सुधारात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है। बता दें कि इससे पूर्व उपराज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि 2017-18 की राज्य वित्त लेखापरीक्षा रिपोर्ट 2018-19 की राजस्व आर्थिक, सामाजिक एवं सामान्य क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रिपोर्ट, 2019-20 की सामान्य सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र (गैर-पीएसयू) रिपोर्ट और 2020-21 की जीएनसीटीडी के वित्त खाते रिपोर्ट जून के अंत तक सरकार के पास लंबित हैं।

बहरहाल, इन आरोपों के जवाब में दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया, नहीं दी गई है। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच किसी मसले को लेकर रार देखने को मिल रही है, बल्कि इससे पहले भी कई मसलों को लेकर दोनों के बीच रार देखने को मिल चुकी है। अब इस पूरे प्रकरण को लेकर केजरीवाल सरकार की ओर से क्या कुछ प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी ।