newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

LG Vs Kejriwal Government : दिल्ली में एलजी और केजरीवाल सरकार के बीच फिर छिड़ी रार, जानिए अब किस बात पर मचा घमासान…

LG Vs Kejriwal Government : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा फंड अधिकारियों द्वारा रोका जा रहा है। इसके जवाब में उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और आप अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए अधिकारियों पर आरोप नहीं मढ़ सकते।

नई दिल्ली। दिल्ली में उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। इस बार विवाद की वजह है दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा। दरअसल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा फंड अधिकारियों द्वारा रोका जा रहा है। इस पत्र के जवाब में दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और आप अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए अधिकारियों पर आरोप नहीं मढ़ सकते।

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर लिखे अपने पत्र में स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि आमतौर पर तो मैं पत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम लिखता हूं पर अभी जो हालात हैं उसको देखते हुए मैं आपको ये पत्र लिखने पर मजबूर हूं। मैं दिल्ली सरकार के अस्पतालों की दयनीय स्थिति से स्तब्ध हूं। स्वास्थ्य सेवा के जिस दिल्ली मॉडल को केजरीवाल सरकार द्वारा देशभर में खूब प्रचारित किया जाता है वहां की स्वास्थ्य सेवाएं जर्जर हालत में हैं। ऐसा लगता है दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं खुद ही वेंटीलेटर पर हैं।

उपराज्यपाल ने आगे लिखा कि पिछले एक सप्ताह के अंदर दो बार मैंने आपसे मौजूदा हालात से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए अनुरोध किया था कि आप आएं और इस विषय पर हम बैठक करें लेकिन आपने मेरे अनुरोध को जरूरी न समझते हुए नजरअंदाज कर दिया। इससे ये पता चलता है दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर आप कितने सजग हैं। वहीं इस मामले पर दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी एक साजिश है। अफसरों के खिलाफ सिर्फ एलजी ही कार्रवाई कर सकते हैं लेकिन उनके पत्र से पता चलता है कि वह उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहते।