नई दिल्ली। दिल्ली में उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। इस बार विवाद की वजह है दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा। दरअसल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा फंड अधिकारियों द्वारा रोका जा रहा है। इस पत्र के जवाब में दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और आप अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए अधिकारियों पर आरोप नहीं मढ़ सकते।
Lieutenant Governor of Delhi V.K. Saxena writes a letter to Delhi Health Minister over the state of government hospitals. pic.twitter.com/xh7VQ56aa5
— IANS (@ians_india) April 5, 2024
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर लिखे अपने पत्र में स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि आमतौर पर तो मैं पत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम लिखता हूं पर अभी जो हालात हैं उसको देखते हुए मैं आपको ये पत्र लिखने पर मजबूर हूं। मैं दिल्ली सरकार के अस्पतालों की दयनीय स्थिति से स्तब्ध हूं। स्वास्थ्य सेवा के जिस दिल्ली मॉडल को केजरीवाल सरकार द्वारा देशभर में खूब प्रचारित किया जाता है वहां की स्वास्थ्य सेवाएं जर्जर हालत में हैं। ऐसा लगता है दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं खुद ही वेंटीलेटर पर हैं।
उपराज्यपाल ने आगे लिखा कि पिछले एक सप्ताह के अंदर दो बार मैंने आपसे मौजूदा हालात से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए अनुरोध किया था कि आप आएं और इस विषय पर हम बैठक करें लेकिन आपने मेरे अनुरोध को जरूरी न समझते हुए नजरअंदाज कर दिया। इससे ये पता चलता है दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर आप कितने सजग हैं। वहीं इस मामले पर दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी एक साजिश है। अफसरों के खिलाफ सिर्फ एलजी ही कार्रवाई कर सकते हैं लेकिन उनके पत्र से पता चलता है कि वह उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहते।