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बंगाल चुनाव हिंसा पर छलका एक बेटी का दर्द, रोते हुए कहा- ‘मेरे पापा को TMC ऑफिस में गेट बंद करके पीटा’, पुलिस ने भी नहीं की मदद

TMC Violence : मौत को लेकर परिजनों का आरोप है कि सुजीत की मौत के बाद भी परिवार को जानकारी नहीं दी गई। वहीं सुजीत की पत्नी को एक मरीज ने बताया कि सुजीत के ऑक्सीजन की पाइप को किसी ने निकाल दिया था।

नई दिल्ली। इस साल पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के जिस दिन नतीजे आ रहे थे (2 मई), उस दिन बंगाल के कुछ इलाकों में जमकर हिंसा हुई। ऐसे में लगाए गए आरोप के मुताबिक टीएमसी के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी इस चरम पर थी कि कई भाजपा कार्यकर्ताओं को जान गंवानी पड़ी। बता दें कि इस हिंसा को लेकर आई एक रिपोर्ट में तथ्य सामने आए कि बंगाल हिंसा में BJP के 42 कार्यकर्ताओं की जान गई थी। वहीं अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। बता दें कि सीबीआई की जांच में अब जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे पता चलता है कि नतीजों के बाद ममता बनर्जी सरकार में अराजक लोगों ने हिंसा की सभी सीमाएं तोड़ दी थी। इस हिंसा में बंगाल के तमाम जिलों से लोगों के मौत की खबर सामने आई।

Bengaluru Violence

जिसमें बर्धमान जिले में भी दो लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई थी। बता दें कि दोनों ही BJP से जुड़े लोग थे। इनमें से एक सुजीत सरकार के घर जाकर दैनिक भास्कर की टीम ने परिवार से उस हिंसा की परतें खोलने की कोशिश की तो, परिवारवालों ने जो जानकारी दी, वो सबको चौंकाने वाली थी। बर्धमान सदर में सुजीत सरकार का परिवार एक पुराने घर में रहता है। जिसका दरवाजा 2 मई को हुई हिंसा में तोड़ दिया गया था। हिंसा को लेकर परिजनों का कहना है कि सुजीत BJP से जुड़े थे। इसलिए उन्हें हिंसा में निशाना बनाया गया। जिस दिन नतीजे आ रहे थे उस रात करीब पौने ग्यारह बजे सुजीत सरकार के पास उनके परिचितों ने फोन किया और जानकारी दी कि कुछ लोग आपकी दुकान तोड़ रहे हैं। इसके बाद सुजीत बाहर जाने की कोशिश करने लगा, लेकिन परिवार वालों ने डर के चलते उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया।

3 मई को सुजीत सरकार ने बर्धमान सदर थाना पहुंच इसकी शिकायत लिखवाई। लेकिन इसका उल्टा असर ये हुआ कि इस शिकायत को लेकर कुछ 3 मई की रात ही सुजीत सरकार के घर पहुंचकर उन्हें धमकाने लगे। इसकी शिकायत जब सुजीत सरकार की बेटी ने फोन पर पुलिस से की तो पुलिस का जवाब बेहद हैरत भरा आया। पुलिस ने कहा कि, इस तरह की हिंसा पूरे बर्धमान जिले में हो रही है। हम क्या कर सकते हैं। हालांकि पुलिस थोड़ी देर बाद आई लेकिन वहां घूमकर वापस चली गई।

BJP Bengal Sujit

डर की वजह से सुजीत अपने भाई के पास चला गया। जहां वो 13 मई तक रहा। बाद में हालात सामान्य समझकर वो वापस बर्धमान आया तो उसके पास फोन आया कि TMC के लोग उनके साथ कुछ बातचीत करना चाहते हैं। इस बीच सुजीत की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्हें कोरोना के लक्षण थे। इसलिए वे अपने भाई और पत्नी को लेकर बर्धमान सदर में स्थित TMC के ऑफिस पहुंचे।

वहां पहुंचते ही, सुजीत के भाई और पत्नी को ऑफिस में घुसने नहीं दिया गया। लेकिन सुजीत को ऑफिस का शटर बंद अंदर ले जाकर जानवरों की तरह पीटा गया। कुछ घंटों बाद शटर खुला और सब वहां चले गए। उन्हें बुरी हालत में देख परिजन घर लाए तो सिर से खून निकल रहा था। सुजीत के हाथ-पैर कांप रहे थे। तेज बुखार था। पिटाई के चलते सुजीत की मानसिक स्थिति बिगड़ चुकी थी। डर की वजह से परिवार थाने नहीं गया। इस वारदात के बाद 21 मई कोसुजीत की हालत और बिगड़ गई। सुजीत को बर्धमान के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोरोना के लक्षण थे इसलिए परिजनों को उनके पास जाने की इजाजत नहीं मिली। अगले दिन यानी 22 मई को सुजीत की मौत हो गई।

BJP Bengal Sujit Sirkar

मौत को लेकर परिजनों का आरोप है कि सुजीत की मौत के बाद भी परिवार को जानकारी नहीं दी गई। वहीं सुजीत की पत्नी को एक मरीज ने बताया कि सुजीत के ऑक्सीजन की पाइप को किसी ने निकाल दिया था। जब हमने देखा तो पाइप को तुरंत लगाया, लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी।