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महाराष्ट्र विधानसभा में सत्र के दौरान विपक्ष का हंगामा, एक साल के लिए BJP के 12 विधायक निलंबित

Maharashtra Assembly: पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहां कि केंद्र सरकार से डाटा मांगने से यह मामला सुलझने वाला नहीं है।। सरकार इस मामले में राज्य को पूरी तरह गुमराह कर रही है।

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को मानसून सत्र के दौरान सरकार और विपक्षी दलों के बीच जमकर हंगामा हुआ। दरअसल मानसून सत्र के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा में मंत्री छगन भुजबल ने OBC के राजनीतिक आरक्षण के सम्बंध में विधानसभा में प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही केंद्र सरकार से इम्पीरीयल डेटा उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई। वहीं सदन में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहां कि केंद्र सरकार से डाटा मांगने से यह मामला सुलझने वाला नहीं है। सरकार इस मामले में राज्य को पूरी तरह गुमराह कर रही है। इसको लेकर विधानसभा में मामला काफी तूल पकड़ता दिखा। हंगामा इतना बढ़ा कि, सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के केबिन में बीजेपी और सरकार के विधायक आपस में भिड़ गए।

devendra fasdanvis

बता दें कि कृषि कानून OBC आरक्षण के समर्थन में हंगामा करने पर भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। इन विधायक में संजय कुटे, आशीष शेलार, हरीश पिंपले, योगेश सागर, गिरीज महाजन, अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे और बंटी बांगडीया शामिल हैं।

Sanjay Raut

वहीं, OBC आरक्षण के मुद्दे पर बात आते ही भास्कर जाधव (शिवसेना) विधानसभा के अध्यक्ष के चेयर पर दिखाई दिए। फिलहाल सत्र में की शुरुआत में ही इस हंगामें को देखते हुए सत्र की कार्रवाई को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इस हंगामे को लेकर संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार को घेरने के लिए शोर-शराबा, हल्ला करने का तरीका सही नहीं है। ऐसा करने से कोविड-19, टीकाकरण, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की परेशानियों को नहीं सुलाझाया सकेगा।