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Punjab: पंजाब की राजनीति में आया उबाल, राणा गुरजीत और नवतेज चीमा के बीच तेज हुई जुबानी जंग

Punjab : बता दें कि इस सीट से मंत्री के बेटे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और आगामी चुनाव में अपनी बेटे को जीत दिलाने के लिए वो एड़ी चोटी का जोर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। वे अपनी हर उस कोशिश को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में मसरूफ हो चुके हैं, जिससे कि उनके बेटे लिए सत्ता का मार्ग प्रशस्त हो सकें।

नई दिल्ली। “यूं तो आपने सियासत में बेशुमार सियासी सूरमाओं को विश्वास जताते हुए देखा होगा कि मैं इस फलां सीट से चुनाव किसी भी कीमत पर जीत कर दिखाऊंगा। अजी हम ही हैं जनता की पहली पसंद। हम ही हैं, वो जो जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने की दम रखते हैं। जी आप देख लीजिएगा। इस बार जतना हमें ही जीताएगी। आप तो बस देखते रहिएगा कि कैसे इस बार हमारा ही डंका बजने जा रहा है” और इस तरह से न जाने कितने ही सियासी सूरमा विश्वास जताते हुए नजर आ रहे हैं। अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर बात जब जनता की नुमाइंदगी करने वाले सियासी सूरमाओं की हो रही है, तो जाहिर-सी बात है कि जरूर फिर से किसी सियासी सूरमा ने चुनावी मौसम के दौरान चुनाव को लेकर अपनी तरफ से बड़ा आत्मविश्वास जताया है, जिसे बताने के लिए ये लंबी चौड़ी भूमिका रचाई जा रही है, तो अगर आप ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं, तो हमारी तरफ से आपको अग्रिम शुभकामनाएं, वो इसलिए, क्योंकि आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं। दरअसल, पंजाब विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चन्नी सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने सुल्तानपुर विधानसभा सीट से निर्वतमान विधायक नवतेज चीमा को आगामी चुनाव में अपनी सीट बचाने की चुनौति दी है।

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बता दें कि इस सीट से मंत्री के बेटे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और आगामी चुनाव में अपनी बेटे को जीत दिलाने के लिए वो एड़ी चोटी का जोर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। वे अपनी हर उस कोशिश को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में मसरूफ हो चुके हैं, जिससे कि उनके बेटे लिए सत्ता का मार्ग प्रशस्त हो सकें। हालांकि, पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस की तरफ से उनके बेटे को चुनाव में टिकट दिया जा सकता है, लेकिन शायद कांग्रेस उनके बेटे को टिकट देने पर राजी नहीं हुई है, जिसके बाद अब उन्होंने अपने बेटे को निर्दलीय ही चुनाव में उतारने का ऐलान कर दिया है।

वे अपने बेटे को जीत दिलाने के लिए हरमुमकीन कोशिश रहे हैं। इस दौरान वे आगामी चुनाव में अपने बेटे की जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने आत्मविश्वास से मीडिया से वार्ता के दौरान साझा किए हैं। निसंदेह, अब ऐसी स्थिति में यह देखना होगा कि उनके द्वारा जताया गया विश्वास के प्रति आगामी चुनाव में सूबे की जनता की तरफ से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।