मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या के मामले में ठीक तीन महीने बाद महाराष्ट्र सीआईडी ने बुधवार को एक अदालत में 12,000 पन्नों के साथ दो अलग-अलग चार्जशीट दायर की, जिनमें 250 से अधिक अभियुक्तों को शामिल किया गया।
चार्जशीट में कहा गया है कि भीड़ द्वारा हत्या की घटना अफवाह फैलाने का नतीजा थी, अपराध का कोई धार्मिक एंगल नहीं था। ये चार्जशीट पालघर सेशन कोर्ट में दायर की गई। 6,000 पन्नों की दोनों चार्जशीट में 126 अभियुक्तों को नामित किया गया है, विशेष सरकारी वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि पुलिस अपराध के अन्य संबंधित पहलुओं में जांच जारी रखेगी।
दहाणु सेशंस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी.एच. केलुस्कर ने 16 अप्रैल को दो ‘साधुओं’ और उनके ड्राइवर की लिंचिंग के संबंध में 25 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। अधिकारियों ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी। विशेष लोक अभियोजक सतीश मानेशिंदे ने बताया कि सभी आरोपियों ने तकनीकी आधार पर जमानत मांगी थी, जिसे मंगलवार को दहाणु सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया।
भीड़ ने पीट-पीट कर उतारा था मौत के घाट
घटना अप्रैल की है जब देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन का शुरुआती चरण था और पालघर से कुछ दूर एक गांव में भीड़ ने चोरी के शक में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या कर दी थी। 16-17 अप्रैल की रात जब ये दो साधु अपने ड्राइवर के साथ गांव से गुजर रहे थे, तब लोगों को चोरों के आने का शक हुआ। और फिर भीड़ ने पीट-पीटकर इन साधुओं की हत्या कर दी।