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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के शिलान्यास के 5 अगस्त को पूरे होंगे एक साल, भव्य कार्यक्रम की तैयारी में जुटा ट्रस्ट

Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से शनिवार को बताया गया था कि सितंबर तक नींव भरने का काम पूरा हो जाएगा और अक्टूबर से मंदिर के आधार को बनाने की शुरुआत की जाएगी। आधार बनाने के लिए बलुआ पत्थर मंगाने का काम जारी है।

अयोध्या। रामनगरी में रामलला के मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। इस बीच, 5 अगस्त को मंदिर के शिलान्यास का एक साल भी पूरा हो रहा है। राम मंदिर बनवा रहे श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने इस अवसर पर भव्य कार्यक्रम की तैयारी की है। ट्रस्ट की ओर से जानकारी मिली है कि 5 अगस्त को रामलला के मेकशिफ्ट मंदिर के प्रांगण में कई कार्यक्रम होंगे। इनमें विशेष पूजा के साथ कलश पूजन भी किया जाएगा। पूजा कराने के लिए विख्यात पंडितों को निमंत्रण दिया गया है। ट्रस्ट से जुड़े सभी लोग विशेष कार्यक्रम और पूजा में शामिल होंगे। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए मेहमानों की संख्या सीमित ही रखी जाएगी। पीएम मोदी ने रामलला के भव्य मंदिर के लिए 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन और शिलान्यास किया था। उसके बाद से ही मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ। फिलहाल मंदिर के लिए नींव डालने का काम हो रहा है। 1-1 मीटर मोटी नींव की 45 परतें यहां डाली जाने वाली हैं। इनमें से 23 परतें पड़ चुकी हैं। दरअसल, यहां जमीन के नीचे सरयू नदी की धारा बहती मिली थी। इस वजह से स्पेशल तरीके से नींव की भराई का काम हो रहा है।

ram mandir New model picture

राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से शनिवार को बताया गया था कि सितंबर तक नींव भरने का काम पूरा हो जाएगा और अक्टूबर से मंदिर के आधार को बनाने की शुरुआत की जाएगी। आधार बनाने के लिए बलुआ पत्थर मंगाने का काम जारी है। इसके अलावा राजस्थान और चित्रकूट से ग्रेनाइट भी लाया जा रहा है। ट्रस्ट ने तय किया है कि मंदिर को साल 2023 तक बनाकर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

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इसके अलावा अयोध्या में कई जगह ट्रस्ट ने जमीन खरीदी है। इन जमीनों पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, यूपी की योगी सरकार भी अयोध्या को सजाने-संवारने में जुटी है। हर तरह का विकास यहां कराया जा रहा है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बीते दिनों 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को नेशनल हाइवे भी घोषित कर दिया है। इससे रामलला के भक्तों को परिक्रमा पूरी करने में कठिनाई नहीं होगी।

Ayodhya tableau

पीएम मोदी ने बीते महीने अयोध्या पर प्रजेंटेशन देखा था। इसके बाद उन्होंने कई सुझाव दिए थे। उन सुझावों को भी धरातल पर लाते हुए 2045 तक अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर बनाया जाना है। उस वक्त यह शहर आधुनिक तकनीकी से लैस होगा, लेकिन यहां आने वालों को त्रेतायुग की अयोध्या के दर्शन होंगे।