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Maharashtra: RSS-तालिबान की तुलना पर घिरे जावेद अख्तर, शिवसेना ने भी खोला मोर्चा

Maharashtra: सामना में लिखा कि ‘कट्टरपंथियों की परवाह किए बगैर उन्होंने (जावेद अख्तर) ‘वंदे मातरम्’ गाया है. फिर भी संघ की तालिबान से की गई तुलना हमें स्वीकार नहीं है. संघ और तालिबान जैसे संगठनों के ध्येय में कोई अंतर नहीं होने की उनकी बात पूरी तरह से गलत है’

नई दिल्ली। बीते दिनों एक टीवी इंटरव्यू के दौरान फेमस गीतकार, शायर स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान (Taliban) से कर दी थी। इस इंटरव्यू को लेकर अख्तर की मुश्किलें बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर उनका ये इंटरव्यू खूब चर्चा हो रहा है। इस बयान के बाद जावेद अख्तर के मुंबई के जुहू स्थित घर के बाहर प्रदर्शन भी देखने को मिला तो वहीं अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अख्तर के बयान पर जवाब दिया है। तालिबान (Taliban) से तुलना किए जाने को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना (Saamna) में लिखा, ‘आरएसएस और तालिबान की तुलना करना सही नहीं है’। इसके आगे ये भी लिखा गया है कि बहुसंख्यक हिंदुओं को दबाने की कोशिश न की जाए।

jawed khatar

“RSS एक राष्ट्रीय स्वाभिमान वाला संगठन”

सामना में लिखा कि ‘कट्टरपंथियों की परवाह किए बगैर उन्होंने (जावेद अख्तर) ‘वंदे मातरम्’ गाया है. फिर भी संघ की तालिबान से की गई तुलना हमें स्वीकार नहीं है. संघ और तालिबान जैसे संगठनों के ध्येय में कोई अंतर नहीं होने की उनकी बात पूरी तरह से गलत है’

देश में तीन तलाक के खिलाफ कानून नहीं होता

शिवसेना ने सामना में लिखा कि अगर शिवसेना की सोच तालिबान वाली होती तो देश में आज तीन तलाक के खिलाफ कानून नहीं बना होता। लाखों मुस्लिम महिलाओं जिन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा था उन्हें आजादी की किरण नहीं दिखाई देती।

तालिबान समाज और मानव जाति के लिए खतरा

शिवसेना ने आगे ‘अफगानिस्तान पर तालिबानी के शासन को समझाते हुए कहा कि तालिबानी शासन मतलब समाज और मानव जाति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। पाकिस्तान, चीन जैसे राष्ट्र तालिबान के साथ हैं लेकिन हिंदुस्तान की मानसिकता बिलकुल भी वैसी नहीं है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना तालिबान से करना उचित नहीं है।

इंटरव्यू के दौरान कही ये बात

इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने कहा, “आरएसएस का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबानियों जैसी ही है. आरएसएस का समर्थन करने वालों को आत्म परीक्षण करना चाहिए.” इसके आगे उन्होंने कहा, “आप जिनका समर्थन कर रहे हैं, उनमें और तालिबान में क्या अंतर है? उनकी जमीन मजबूत हो रही है और वे अपने टारगेट की तरफ बढ़ रहे हैं। दोनों की मानसिकता एक ही है।” अब उनके इस बयान पर जमकर बवाल हो रहा है।

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प्रदर्शनकारियों ने दी कड़ी चेतावनी

जावेद अख्तर के घर के बाहर उनके बयान को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है, “जावेद अख्तर कैसे तालिबान की तुलना आरएसएस से कर सकते हैं. उन्हें माफी मांगनी होगी। यह बहुत ही शर्मनाक है कि इतना पढ़ा लिखा आदमी इस प्रकार की बात करता है। इस प्रकार के बयान से उन्हें बचना चाहिए।”