newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Republic Day: शीशे का बॉक्स और नाइट्रोजन गैस, जानिए हमारे संविधान से इनका क्या है संबंध

भगवान राम से लेकर भगवान कृष्ण और गीता के उपदेशों के अलावा बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के महान विभूतियों के चित्र इस संविधान के हर पन्ने के ऊपर मशहूर चित्रकार नंदलाल बोस ने खुद अपने हाथ से बनाए थे। संविधान की मूल प्रति के कागज काफी पुराने हो चुके हैं।

नई दिल्ली। आज गणतंत्र दिवस है। आज ही के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। संविधान को आजादी के बाद बनी संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को अपनाया था और इसे 1950 में लागू किया गया। ये संविधान हमारे देश की आत्मा है और इस आत्मा को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक तौर तरीके अपनाए गए हैं। संविधान की मूल प्रति आज भी हमारे संसद भवन में सुरक्षित है। इसे रखने के लिए ठीक वैसी है तकनीकी अपनाई गई है, जिस तकनीकी से मिस्र की ममी को म्यूजियम में सुरक्षित रखा जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आज आपको बताने जा रहे हैं कि हमारे देश के संविधान की मूल प्रति किस तरह सुरक्षित रखी गई है।

constitution

भारत का संविधान हाथ से बने कागज पर लिखा गया है। इसे उस दौर में लेखकों ने हाथ से ही लिखा था। मूल प्रति के हर पन्ने पर सोने की पत्तियों से उकेरा गया फ्रेम है। हर पन्ने पर कलाकृतियां हैं। इन कलाकृतियों में भारत की संस्कृति दिखाई गई है। भगवान राम से लेकर भगवान कृष्ण और गीता के उपदेशों के अलावा बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के महान विभूतियों के चित्र इस संविधान के हर पन्ने के ऊपर मशहूर चित्रकार नंदलाल बोस ने खुद अपने हाथ से बनाए थे। संविधान की मूल प्रति के कागज काफी पुराने हो चुके हैं और इन्हें संजोकर रखने के लिए आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

Parliament

संसद भवन में रखी संविधान की मूल प्रति को फलालेन के कपड़े में लपेटकर एक शीशे के बक्से में रखा गया है। ये शीशे का बक्सा एयरटाइट है। इस बक्से में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है। ताकि इस गैस के प्रभाव के कारण संविधान की प्रति सुरक्षित रहे। बता दें कि म्यूजियम्स में मिस्र की ममियों को रखने के लिए भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। 1994 में संविधान की मूल प्रति को सुरक्षित रखने के लिए शीशे का ये बॉक्स बनवाया गया था। हर साल बॉक्स से नाइट्रोजन गैस को निकाला जाता है और फिर नए सिरे से गैस भरी जाती है। संविधान की मूल प्रति की सुरक्षा के लिए हर रोज इसकी निगरानी की जाती है। साथ ही चोरों से बचाने के लिए 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से इसके बॉक्स की निगरानी भी होती है।