नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने के साथ ही रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने का ऐलान किया है। इतना मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुख्य रूप से दहेज लेन-देन और बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाने के लिए एक मुहिम भी शुरू की है। इस बात की जानकारी पर्सनल लॉ बोर्ड ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। AIMPLB ने एक के बाद एक कई सिलसिलेवार ट्वीट किए है, पहले ट्वीट में लिखा, शादी को सरल और आसान बनाना बहुत ज़रूरी है। मुसलमानों को बड़े होटलों और महंगे वेडिंग हॉलों में विवाह समारोह नहीं करने चाहिए। इसी तरह, प्रचलित दहेज, बरात और अन्य अनुष्ठानों से बचें और अपने आप को और दूसरों को बचाएं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद राबे हसनी नदवी ने कहा कि, अपनी पत्नियों के साथ अच्छा व्यवहार करें, और इस्लामी शिक्षाओं को अपनाकर सफलता और समृद्धि प्राप्त करें।
अपनी पत्नियों के साथ अच्छा व्यवहार करें, और इस्लामी शिक्षाओं को अपनाकर सफलता और समृद्धि प्राप्त करें। : मौलाना मुहम्मद राबे हसनी नदवी अध्यक्ष : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (2/2)
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) March 22, 2021
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने और रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए और विशेष रूप से दहेज लेन-देन और बेटियों पर हो रहे ज़ुल्म को रोकने के लिए अभियान शुरू किया है। एक अन्य ट्वीट में लिखा गया कि, बोर्ड के सचिव @MaulanaUmrain साहब इस अभियान की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के उलमा और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके अभियान शुरू किया है। अन्य राज्यों में काम कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा इन्शा अल्लाह ।
एक अन्य ट्वीट में लिखा गया है कि इस अभियान में, यह भी तय किया गया है कि जिस शादी में दहेज के लिए जबरन लेन-देन होता है, उसमें उलमा और क़ाज़ी शामिल ना हों, यह कदम बेटियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।