नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की कानूनी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली आबकारी नीति मामले में सिसोदिया को बड़ा झटका देते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 22 जुलाई तक बढ़ा दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने के बाद आया है, जिससे आप नेता के सामने कानूनी चुनौतियों की झड़ी लग गई है। सोमवार 15 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया गया। राउज एवेन्यू कोर्ट में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी है।
दिल्ली सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को शराब नीति मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने 28 फरवरी, 2023 को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें मार्च 2023 में शराब नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। नतीजतन, ईडी और सीबीआई दोनों अब सिसोदिया के खिलाफ मामले आगे बढ़ा रहे हैं।
CBI की ओर दर्ज मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 22 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. दिल्ली सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया को आज राउज एवेन्यू कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. अदालत ने सीबीआई से जुड़े इस मामले में सुनवाई… pic.twitter.com/VbjPfu0mrG
— WeYo News (@WeYoNews) July 15, 2024
सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट दोनों से जमानत की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है। गुरुवार, 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। हालांकि, जस्टिस संजय कुमार ने निजी कारणों से खुद को मामले से अलग कर लिया।
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जमानत याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संजय कुमार की बेंच को सुनवाई करनी थी। बेंच ने कहा कि एक अन्य बेंच, जिसमें जस्टिस संजय कुमार शामिल नहीं हैं, ईडी और सीबीआई द्वारा आबकारी नीति के संबंध में दर्ज मामलों में सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। जस्टिस खन्ना ने टिप्पणी की, “हमारे सहयोगी के कुछ निजी मुद्दे हैं और वह इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं।”