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Manish Tewari: ‘कांग्रेस में किराएदार नहीं बल्कि…’, गुलाम नबी के इस्तीफे के बाद मनीष तिवारी ने भी आलाकमान को दिखाए तेवर

Manish Tewari: मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह ख़ैरात में नहीं मिला है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें किसी से भी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। वो कांग्रेस में किराएदार नहीं बल्कि हिस्सेदार है।

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। करीब 47 सालों से वो कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े रहे है, लेकिन शुक्रवार को आजाद ने कांग्रेस ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि वो कांग्रेस से काफी वक्त से नाराज चल रहे थे। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का त्याग पत्र भेजा। हैरान करने वाली बात ये है कि आजाद ने अपने पांच पन्नों के इस्तीफे पत्र में सबसे ज्यादा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने सोनिया गांधी को ये भी नसीहत दी है कि भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए। वहीं गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता मनीष तिवारी का रिएक्शन सामने आया है। मनीष तिवारी ने आजाद के इस्तीफे देने पर बड़ा बयान दिया है और इशारों ही इशारों में कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लिया है।

ghulam nabi azad and rahul gandhi 1

मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह ख़ैरात में नहीं मिला है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें किसी से भी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। वो कांग्रेस में किराएदार नहीं बल्कि हिस्सेदार है। मनीष तिवारी न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि, उत्तर भारत के लोग है जो दिल्ली से हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती और खुददार लोग होते हैं। पिछले हजार साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के ख़िलाफ़ लड़ते रहे। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। जिस भी हुक्मरानों ने धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश की उसमें चाहे हिंदू, मुस्लिय या सिख हो उन्होंने धोखा खाया है।

तिवारी ने आगे कहा कि, ”आज दो साल पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को एक खत लिखा था। इस खत में लिखा था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है और जिसपर गंभीर विचार करने की ज़रूरत है। उस खत लिखने के बाद देश में 10 जगह विधानसभा के चुनाव हुए। कांग्रेस दुर्भाग्यवश वो सारे चुनाव हार गई।”


इतना ही नहीं मनीष तिवारी ने ये भी कहा कि, जिन लोगों में वार्ड चुनाव लड़ने की ताकत नहीं है, वे कांग्रेस नेताओं के चपरासी थे, जब पार्टी के बारे में ज्ञान दिया जाता है तो यह हास्यास्पद है। हम एक गंभीर स्थिति में हैं। जो हुआ वह खेदजनक, दुर्भाग्यपूर्ण है।