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UCC In Uttarakhand: आज से उत्तराखंड में यूसीसी लागू, इन मामलों में सभी समुदायों के लिए होगा एक जैसा कानून, लिव इन रिलेशनशिप का भी कराना होगा रजिस्ट्रेशन

UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड आज से समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू कर रहा है। आजादी के बाद उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां यूसीसी लागू होगा। इससे पहले पुर्तगाली शासन के दौर से गोवा में यूसीसी लागू है। उत्तराखंड में यूसीसी के लिए पोर्टल भी बनाया गया है। इस पोर्टल की शुरुआत उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी करेंगे। उत्तराखंड का यूसीसी राज्य के बाहर रहने वाले मूल निवासियों पर भी लागू होगा। यूसीसी से उत्तराखंड के आदिवासियों को बाहर रखा गया है।

देहरादून। उत्तराखंड आज से समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू कर रहा है। आजादी के बाद उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां यूसीसी लागू होगा। इससे पहले पुर्तगाली शासन के दौर से गोवा में यूसीसी लागू है। उत्तराखंड में यूसीसी के लिए पोर्टल भी बनाया गया है। इस पोर्टल की शुरुआत उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी करेंगे। उत्तराखंड के यूसीसी के तहत सभी समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने संबंधी कानून एक जैसे होंगे। उत्तराखंड में यूसीसी के तहत लिव इन रिलेशनशिप की भी जानकारी सरकार को देनी होगी। उत्तराखंड का यूसीसी राज्य के बाहर रहने वाले मूल निवासियों पर भी लागू होगा। यूसीसी से उत्तराखंड के आदिवासियों को बाहर रखा गया है।

अब तक कई समुदायों के अपने पर्सनल लॉ होते हैं। इनके तहत शादी, तलाक, विरासत और गोद लेने के फैसले किए जाते हैं। उत्तराखंड में पर्सनल लॉ के इन मसलों पर यूसीसी के कारण रोक लग गई है। उत्तराखंड में अगर कोई मुस्लिम शादी करता है, तो उसे काजी ही संपन्न कराएगा, लेकिन फिर शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। साथ ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद मुस्लिमों को अपनी बेटियों को भी संपत्ति में हिस्सेदारी देनी होगी। तलाक भी अब मन मुताबिक नहीं दिए जा सकेंगे। इसके लिए कोर्ट का रास्ता अख्तियार करना होगा। गोद लेने या न लेने का फैसला संबंधित व्यक्ति लेगा। इसकी राह में भी कोई पर्सनल लॉ रोड़ा नहीं बन सकेगा। लिव इन रिलेशिनशिप की रजिस्ट्री होने से ऐसे जोड़ों के बारे में सरकारी तंत्र को सभी जानकारी होगी। इससे भविष्य में किसी तरह के विवाद को खत्म कराया जा सकेगा।

उत्तराखंड में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर सरकार बनने पर यूसीसी लागू करने का वादा किया था। दोबारा सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी कानून का ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी बनाई गई। इस ड्राफ्ट पर पुष्कर सिंह धामी ने बिल बनाकर उत्तराखंड विधानसभा से पास कराया था। जिसके बाद यूसीसी की नियमावली तय की गई। इसी नियमावली को अब आज से लागू किया जा रहा है।