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Anti Hindu Oath: राजस्थान के भरतपुर में 11 नवविवाहितों को पहले बनाया बौद्ध, फिर दिलाई हिंदू धर्म विरोधी शपथ

इससे पहले ऐसी ही हिंदू विरोधी शपथ दिल्ली में दिलाई गई थी। तब उसमें केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने हिस्सा लिया था। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव मे भी ऐसी ही शपथ हुई थी। उसमें मेयर हेमा देशमुख भी शामिल थीं। दोनों ही मामलों में जमकर विवाद हुआ था।

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम हुआ। आरोप है कि इस कार्यक्रम में नवविवाहित जोड़ों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी गई। यानी उनका धर्मांतरण किया गया। फिर सभी से हिंदू देवी-देवता विरोधी शपथ भी दिलाई गई। इस पूरे मामले का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो के मुताबिक 11 नवविवाहित जोड़ों को शपथ दिलाई गई। इसमें वे कहते दिख रहे हैं कि ब्रह्मा, विष्णु, गणेश, महेश को नहीं मानेंगे। न उनकी पूजा करेंगे। बताया जा रहा है कि उस दौरान कई अफसर भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक ये सामूहिक विवाह कार्यक्रम 20 नवंबर को भरतपुर के कुम्हेर कस्बे में हुआ था। इस कार्यक्रम को संत रविदास सेवा समिति ने कराया था।

सेवा समिति के कर्ताधर्ताओं पर आरोप है कि विवाह कराने से पहले सभी जोड़ों को बौद्ध धर्म में दीक्षित कराया गया। जिसके बाद उनको हिंदू देवी-देवता विरोधी शपथ दिलाई गई। इस शपथ में ये भी था कि गौरी-गणपति जैसे हिंदू धर्म के किसी देवी-देवता को नहीं मानेंगे। ईश्वर के किसी अवतार पर मेरा विश्वास नहीं है। भगवान बुद्ध भी विष्णु के अवतार नहीं हैं। ऐसे प्रचार पागलपन और झूठे हैं। लोगों ने शपथ ली कि वे बौद्ध धर्म के खिलाफ कभी कुछ भी नहीं कहेंगे। शपथ में श्राद्ध जैसे अनुष्ठान न करने का भी वचन नवविवाहितों ने लिया।

vishwa hindu parishad

हिंदी अखबार दैनिक भास्कर के मुताबिक भरतपुर में विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष लाखन सिंह ने इस कार्यक्रम को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा करना देश की अखंडता के लिए खतरा है। विहिप ने इसका विरोध किया। लाखन सिंह ने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद चाहता है कि प्रशासन कार्रवाई करे। अगर कार्रवाई न हुई, तो विहिप बड़ा आंदोलन करेगी। बीजेपी के नेता अमित मालवीय ने भी इसपर सवाल खड़ा किया है। बता दें कि इससे पहले ऐसी ही हिंदू विरोधी शपथ दिल्ली में दिलाई गई थी। तब उसमें केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने हिस्सा लिया था। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव मे भी ऐसी ही शपथ हुई थी। उसमें मेयर हेमा देशमुख भी शामिल थीं। दोनों ही मामलों में जमकर विवाद हुआ था।