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तबलीगी जमात की विदेशी फंडिंग मामले में एक्सचेंजर व सीए रडार पर

पुलिस तबलीगी जमात को विदेशों से भेजी जाने वाली राशि का पता लगाने के लिए इनकी भूमिका की जांच कर रही है।

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा निजामुद्दीन स्थित मनी एक्सचेंजर आरएम एंड आरएम एसोसिएट्स और तबलीगी जमात के साथ काम करने वाले एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की जांच कर रही है। पुलिस तबलीगी जमात को विदेशों से भेजी जाने वाली राशि का पता लगाने के लिए इनकी भूमिका की जांच कर रही है। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा तबलीगी जमात के मामले में मनी एक्सचेंजर आरएम एंड आरएम एसोसिएट्स की भूमिका का पता लगाया गया है। डीसीपी जॉय तिर्की को मामले में वित्तीय पहलुओं की जांच करने का निर्देश दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने तिर्की को आरएम एंड आरएम एसोसिएट्स के मालिकों और कर्मचारियों से पूछताछ करने के लिए निर्देश जारी किए हैं।

निर्देशों में कहा गया है, “तबलीगी जमात द्वारा विदेशों से प्राप्त धनराशि की मात्रा के बारे में अच्छी तरह से पूछताछ की जाए।”

उन्हें यह भी जांचने के लिए निर्देशित किया गया है कि क्या जमात प्रतिनिधियों द्वारा उनके देशों से कोई धन प्राप्त किया गया है। उन्हें संगठन के वित्त पोषण के बारे में तबलीगी जमात के एक चार्टर्ड एकाउंटेंट और विदेशी धनराशि के बारे में छानबीन करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।

अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) को धन के विदेशी स्रोत की जांच करने के लिए भी कहा गया है, क्योंकि 41 देशों के विदेशी लोग हाल ही में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के कार्यक्रम में एकत्रित हुए थे। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को तबलीगी जमात द्वारा विदेशी योगदान नियमन अधिनियम के तहत जांच करने के लिए कहा गया है।

पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें तबलीगी जमात मरकज प्रमुख मोहम्मद साद भी शामिल है। पुलिस ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज किया है, जो कि हत्या के किसी भी मामले की दूसरी सबसे बड़ी धारा है। इसके अलावा भी उनके खिलाफ विभिन्न कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। साद के नेतृत्व में मार्च महीने में बड़ा धार्मिक आयोजन किया गया था, जिसमें भारतीय नागरिकों के साथ ही 41 देशों के विदेशी नागरिक भी हजारों की संख्या में इकट्ठे हुए थे।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 16 अप्रैल को संगठन और उसके प्रमुख के खिलाफ धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला भी दर्ज किया है। ईडी की कार्रवाई दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है। केंद्रीय एजेंसी जल्द ही मौलाना साद को जांच में शामिल होने के लिए बुलाएगी।

Maulana Saad

इससे पहले दो अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशन में गृह मंत्रालय ने भारत में मौजूद 960 विदेशियों को पर्यटक वीजा पर तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के लिए काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया था। तबलीगी जमात के कार्यक्रम में 1,306 विदेशी नागरिकों सहित कुल 9,000 लोगों ने भाग लिया था।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा है कि देश में अभी तक पाए गए कोरोना के कुल मामलों में से तबलीगी जमात के 30 प्रतिशत मामले जुड़े हुए हैं।