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Mayawati Targeted Rahul Gandhi Regarding Reservation : आरक्षण को लेकर राहुल गांधी पर बरसीं मायावती, कांग्रेस के नाटक से सतर्क रहने की लोगों को दी सलाह

Mayawati Targeted Rahul Gandhi Regarding Reservation : राहुल गांधी द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को लेकर अमेरिका में दिए गए बयान पर मायावती ने कहा कि कांग्रेस की सोच शुरू से ही आरक्षण-विरोधी रही है। संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से लोग जरूर सजग रहें।

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। वहां राहुल रोज कुछ ऐसे बयान दे रहे हैं जिसको लेकर बीजेपी उनपर हमलावर है। अब राहुल गांधी के एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण संबंधी बयान पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी निशाना साधते हुए लोगों को कांग्रेस के नाटक से सतर्क रहने की सलाह दी है। मायावती ने कहा कि केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसी की आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।

बीएसपी सुप्रीमो ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गाँधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहतर स्थिति में होगा तो हम एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है। इन वर्गों के लोग कांग्रेसी नेता राहुल गाँधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें।

मायावती ने कहा, सच्चाई यह है कि कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है। केन्द्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लोग सावधन रहें। कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है। अतः जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी है।