नई दिल्ली। यूपी के हाथरस में इसी साल 2 जुलाई को हुई भगदड़ मामले में पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल 3200 पन्नों की चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं है। भगदड़ में 121 लोगों की मौत का जिम्मेदार नारायण साकार हरि के 11 सेवादारों को बताया गया है। वहीं इस चार्जशीट को लेकर अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाया है। मायावती ने सरकार पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए कहा कि ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव है? इससे आमजन चिन्तित है। वहीं, नारायण साकार हरि के वकील एपी सिंह ने मायावती ने आरोपों पर सफाई देते हुए पलटवार किया है।
हाथरस
➡हाथरस सत्संग भगदड़ हादसे से जुड़ी बड़ी खबर
➡पुलिस की चार्जशीट पर मायावती ने उठाए थे सवाल
➡चार्जशीट में नारायण साकार हरि को क्लीन चिट मिली
➡मायावती के बयान पर बाबा के वकील एपी सिंह बोले
➡मायावती जले पर नमक छिड़कर रही हैं
➡मायावती को प्रदेश की जनता से प्यार नहीं… pic.twitter.com/SWvf9QpHKU
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) October 3, 2024
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती को प्रदेश की जनता से जरा भी प्यार नहीं है। वो हाथरस में हुई दुखद घटना पर राजनीति करते हुए जले पर नमक छिड़कने का काम लगातार कर रही हैं। बीएसपी सुप्रीमो को न तो न्यायप्रणाली पर भरोसा है, न एसआईटी पर और न ही यूपी पुलिस पर। जब जांच एजेंसियां पूरी तरह से जांच कर चुकी हैं और इसमें हमारे ही 11 लोगों का नाम चार्जशीट में है जो इस मामले में जेल में हैं इसके बावजूद मायावती नारायण साकार हरि को व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने के लिए अनर्गल आरोप लगाती हैं।
सिंह ने कहा कि जब नारायण साकार हरि भगदड़ मचने से पहले ही घटनास्थल से जा चुके थे तो ऐसे में उन पर आरोप लगाना और उन्हें फंसाने की बात करती हैं। मायावती मनगढ़ंत साजिश के चलते सनातन धर्म, उत्तर प्रदेश सरकार, न्यायिक आयोग और जांच एजेंसियों को बदनाम करना चाहती हैं। बीएसपी सुप्रीमो को इस बात की ईर्ष्या और जलन है कि कैसे एक दलित, शोषित, वंचित समाज का व्यक्ति धर्म, मानव मंगल और धार्मिक बातें करने लगा। मायावती नारायण साकार हरि की बढ़ती लोकप्रियता के चलते ऐसा कर रही हैं।