मुंबई। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने रविवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने दो साल पहले यानी 2021 में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान माना था कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाकर महाविकास अघाड़ी बनाना उनकी भूल है। केसरकर ने दावा किया कि उद्धव ने उस वक्त मोदी से कहा था कि वो मुंबई लौटकर इस गलती को ठीक करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया। दीपक केसरकर का कहना है कि उद्धव अपने साथ अजित पवार और अशोक चव्हाण को भी ले गए थे। पीएम मोदी से पहले मराठा आरक्षण, मेट्रो कारशेड और जीएसटी कलेक्शन समेत कई मुद्दों पर बात हुई थी। जिसके बाद उद्धव और मोदी ने 20 मिनट तक बंद दरवाजे में अकेले बातचीत की थी। उसी दौरान उद्धव ने अपनी गलती मानी थी।
दीपक केसरकर ने एक और बड़ा दावा ये किया कि उद्धव ने कहा था कि एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ लो। हम सब बाद में फिर एक हो जाएंगे। केसरकर ने कहा कि हमने उद्धव ठाकरे को नहीं फंसाया। एनसीपी और कांग्रेस ने उनको फंसाया। शिंदे के मंत्री ने कहा कि आपने (उद्धव) ही हमसे कहा था कि निकल जाओ। अब जनता के सामने झूठ बोलते रहते हैं। केसरकर ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे के ढाई साल सीएम रहने के बाद भी कोंकण का कायापलट नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाई गई। उस कमेटी ने कुछ नहीं किया। अब शिंदे सरकार ने कोंकण को 1300 करोड़ की निधि दी है।
दीपक केसरकर ने ये आरोप भी लगाया कि वित्त मंत्री रहते अजित पवार ने सिंधुदुर्ग जिले के लिए दी गई 450 करोड़ रुपए की निधि वापस ले ली। जिला नियोजन के लिए दिए गए 250 करोड़ को घटाकर 150 करोड़ कर दिया, लेकिन उद्धव ठाकरे ने इस पर चूं तक नहीं की। उन्होंने कहा कि इस मामले पर बात करने पर उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे हंस दिए थे। केसरकर ने कहा कि आदित्य ठाकरे को भी कोंकण इलाके की जनता से कोई लेनादेना नहीं है।