
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर चुनावी लाभ के लिए आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन का उपयोग करने का आरोप लगाया। जी-20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को दिल्ली में होने वाला है। कांग्रेस महासचिव, जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “जी-20 की स्थापना 1999 में हुई थी, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल थे। इसकी स्थापना के बाद से, जी-20 शिखर सम्मेलन 17 देशों में बारी-बारी से आयोजित किया गया है। अब भारत की बारी है, लेकिन जिस तरह से एक राजनीतिक अभियान चलाया जा रहा है और इसके चारों ओर एक माहौल बनाया जा रहा है, वह किसी भी अन्य देश में अभूतपूर्व है।” रमेश ने दावा किया कि ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी रणनीति अपनाई जा रही है।
उन्होंने आगे कहा, “हमें याद रखना चाहिए कि इसी नई दिल्ली में, 1983 में, 100 से अधिक देशों को शामिल करते हुए एक गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन और उसके बाद राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई थी। हालांकि, उस समय की सरकार ने इसका फायदा नहीं उठाया।”
G20 का गठन 1999 में हुआ था। 19 देश और यूरोपीयन यूनियन इसके सदस्य हैं। इसके गठन से लेकर अब तक बारी-बारी से 17 देशों में G20 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ है। अब भारत का नंबर है।
लेकिन यहां इसे लेकर जिस तरह का चुनावी कैंपेन चलाया जा रहा है और माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, वैसा…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 19, 2023
कांग्रेस पार्टी ने जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के पीछे सरकार की मंशा पर चिंता जताई है, जिसका अर्थ है कि प्रशासन इस आयोजन का उपयोग अनुकूल राजनीतिक माहौल बनाने के लिए करने का प्रयास कर रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन, पारंपरिक रूप से वैश्विक आर्थिक चर्चाओं के लिए एक मंच है, जिसमें दुनिया भर की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के एक साथ आने की उम्मीद है। कांग्रेस पार्टी का यह आरोप शिखर सम्मेलन की तैयारी और मेजबानी में एक नया आयाम जोड़ता है, राजनीतिक बहस छेड़ता है और ऐसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय आयोजन के पीछे के उद्देश्यों पर सवाल उठाता है।