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मोदी कैबिनेट का किसान और रेहड़ी-पटरी वालों को बड़ा गिफ्ट

इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए कई तरह फैसले लिए गए। उन्होंने बताया कि एमएसएमई की परिभाषा को और संशोधित किया गया है।

नई दिल्ली। सोमवार को मोदी कैबिनेट की अहम बैठक हुई। आज की बैठक में कई अहम और एतिहासिक फैसले लिये गये हैं। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए कई तरह फैसले लिए गए। उन्होंने बताया कि एमएसएमई की परिभाषा को और संशोधित किया गया है।

कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदलने पर मुहर। साथ, एमएसमएई के लिए इक्विट स्कीम को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि MSMEs के लिए 50,000 करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश का ऐलान किया गया है। इसमें ये कंपनियां बाजार में लिस्ट होकर पैसा जुटा सकती हैं। देश भर में 6 करोड़ से ज्यादा MSMEs हैं। कोरोनावायरस महामारी के बाद पीएम मोदी ने इस सेक्टर की अहमियत समझते हुए MSMEs के लिए आवंटन का फैसला किया गया है।

रेहड़ी लगाने वालों के लिए भी क्रेडिट स्कीम को मंजूरी दी गई है। शहरी आवास मंत्रालय ने विशेष सूक्ष्म ऋण योजना शुरू की है। इसके जरिए छोटे दुकाने चलाने वाले या रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले लोन ले सकते हैं। यह योजना लंबे समय तक चलेगी। इसका फायदा 50 लाख से ज्यादा दुकानदारों को मिलेगा। इसे एक साल के भीतर मासिक किस्त में लौटा सकते हैं। वक्त पर पैसा लौटाने वालों को 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी के तौर पर खाते में जमा कर दिया जाएगा। इसमें किसी तरह की पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है।

कैबिनेट ने 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कटाई की अनुमति दी और किसानों के साथ खड़ी रही। किसान ने इस साल बंपर खेती करके देश को समर्पित किया है। उन्होंने बताया आज तक गेहूं की खरीद 360 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है। पिछले साल तक 342 लाख मीट्रिक टन थी।धान की खरीद इस साल अब तक 95 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है। पिछले साल यह 90 लाख मीट्रिक टन थी। दलहन और तिलहन की खरीद इस साल अब तक 16.07 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है जो पिछले साल 15 लाख मीट्रिक टन थी।

Nitin Gadkari

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एमएसएमई की मजबूती से निर्यात बढ़ेगा। 25 लाख एमएसएमई के पुनर्गठन की उम्मीद है। मजबूत एमएसएई के 15 फीसदी इक्विटी खरीदने की योजना है। कमजोर उद्योगों को उबारने के लिए 4 हजार करोड़ का फंड दिया गया है। गडकरी ने कहा कि एमएसएमई के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। एमएसएमई से 6 करोड़ छोटे कारोबारी जुड़े हैं, जिन्हें इस योजना से बड़ा लाभ मिलेगा। 2 लाख एमएसएमई नए फंड से फिर शुरू हो जाएंगे।

जानिए कैबिनेट के द्वारा किन अहम फैसलों पर लगी मुहर

एमएमएमई को प्रोत्साहित करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं।

इससे 2 लाख एमएसएमई को लाभ पहुंचेगा।

50 करोड़ तक निवेश वाली इकाई एमएसएमई के तहत आएगी।

250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाई भी एमएसएमई के अंतर्गत आएगी।

एमएसएमई के निर्यात का टर्नओवर इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। इससे नए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

सरकार ने 4000 करोड़ रुपये के डिस्ट्रेस फंड को मंजूरी दी।

बंद हुई एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का फंड बनाने का फैसला लिया गया है।

48 फीसदी निर्यात एमएसएमई की ओर से होता है।

रेहड़ी पटरी वालों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्व नीति (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि) का गठन किया है।

फुटपाथ विक्रेताओं समेत रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार रुपये तक कर्ज दिया जाएगा।

14 फसलों पर किसानों को लागत से 50 से 83 फीसदी ज्यादा कीमत मिलेगी।

धान ज्वार के लिए लागत से 50 फीसदी से ज्यादा दाम मिलेगा।

किसानों के अलावा खेती से जुड़ी अन्य गतविधियों को भी वित्तीय मदद दी है।

80 लाख टन से ज्यादा अनाज लोगों तक पहुंचाया गया।

सरकार ने हर मामले पर संवदेनशीलता से काम किया और इसी वजह से समय पर किसानों ने फसल की कटाई का काम किया।

इसी वजह से किसानों ने देश को बंपर फसल पैदा कर के दी।

खेती से जुड़े काम के लिए 3 लाख तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है।

किसानों को ब्याज में छूट देने का भी प्रावधान किया जा रहा है।

समय से कर्ज चुकाने पर किसानों को 4 फीसदी दर पर ऋृण मिलेगा।

पिछली बार किसानों को 28 हजार करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी गई।

जल्द ही बचे हुए करीब ढाई करोड़ किसानों को केसीसी योजना के तहत लाया जाएगा।

खेती से जुड़े काम के लिए 3 लाख तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है।

किसानों को ब्याज में छूट देने का भी प्रावधान किया जा रहा है।

समय से कर्ज चुकाने पर किसानों को 4 फीसदी दर पर ऋृण मिलेगा।

पिछली बार किसानों को 28 हजार करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी गई।

जल्द ही बचे हुए करीब ढाई करोड़ किसानों को केसीसी योजना के तहत लाया जाएगा।