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ToD Tariff For Electricity Consumers: अगले साल से दिन में कम रात में बिजली इस्तेमाल पर देना होगा ज्यादा पैसा, मोदी सरकार का फैसला

चलिए आपको बताते हैं कि मोदी सरकार ने ऐसा क्या फैसला किया है, जिसका असर आप और हम यानी सभी पर पड़ना है। मोदी सरकार ने बिजली की दरों पर अहम फैसला किया है। इसके तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाने के साथ ही वक्त के हिसाब से उपभोक्ताओं से बिजली की दरें ली जाएंगी। जिसके तहत पीक और नॉन पीक घंटे तय किए जाएंगे।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक ऐसा फैसला किया है, जिसपर विपक्ष की तरफ से हंगामा मचना तय है। खास बात ये है कि मोदी सरकार का ये फैसला उस वक्त आया है, जबकि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि मोदी सरकार ने ऐसा क्या फैसला किया है, जिसका असर आप और हम यानी सभी पर पड़ना है। मोदी सरकार ने बिजली की दरों पर अहम फैसला किया है। इसके तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाने के साथ ही वक्त के हिसाब से उपभोक्ताओं से बिजली की दरें ली जाएंगी। सरकार के फैसले के मुताबिक राज्यों के बिजली नियामक आयोग पीक और नॉन पीक घंटे तय करेंगे। जिसके बाद दिन के अलग-अलग वक्त अलग-अलग बिजली की दर उपभोक्ताओं को देनी होगी। कुल मिलाकर दिन में दरें कम होंगी और रात में बिजली के इस्तेमाल पर ज्यादा पैसा चुकाना होगा।

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सरकार के फैसले के मुताबिक सौर घंटों के दौरान (8 घंटे) सामान्य दर से 10 से 20 फीसदी बिजली दरें कम रहेंगी। यानी जब बिजली की मांग ज्यादा होगी, तो दर बढ़ जाएगी। 10 किलोवाट और ज्यादा के बिजली कनेक्शन लेने वाले कॉमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं को नई दरें 1 अप्रैल 2024 से देनी होंगी। वहीं, कृषि कार्यों के अलावा बाकी उपभोक्ताओं को नई दरें 1 अप्रैल 2025 से देनी पड़ेंगी। स्मार्ट मीटर लगने के साथ ही नई दरों को लागू कर दिया जाएगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने इसे उपभोक्ताओं के लिए अच्छा बताया है। उनका कहना है कि पीक डिमांड के घंटे, सौर घंटे और सामान्य खपत के घंटे अलग करने से उपभोक्ता अपना बिजली बिल कम कर सकते हैं और इसका लाभ मिलेगा।

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आरके सिंह के मुताबिक गैर सौर घंटों में थर्मल और पनबिजली के अलावा गैस वाले पावर प्लांट चलते हैं। इनकी दरें सौर ऊर्जा से बनी बिजली के मुकाबले ज्यादा होती हैं। अब उपभोक्ता तय कर सकेंगे कि कब उनको ज्यादा बिजली इस्तेमाल करनी है और कब नहीं करनी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के ग्रिड से बेहतर जुड़ाव में ये व्यवस्था ज्यादा बेहतर रहेगी। उन्होंने बताया कि ज्यादातर नियामक आयोगों ने इस व्यवस्था को कॉमर्शियल और उद्योगों के लिए मंजूरी दे दी है।