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AFSPA In India: पूर्वोत्तर के इन 3 राज्यों पर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, AFSPA को लेकर किया ये फैसला

AFSPA In India: AFSPA के जरिए सुरक्षा बलों के पास कई तरह के अधिकार होते हैं। जैसे कि केंद्र या राज्‍यपाल पूरे राज्‍य या उसके किसी हिस्‍से में AFSPA लागू कर सकते हैं। इसके (AFSPA) तहत आर्म्‍ड फोर्सेज को ये अधिकार भी मिलता है कि वो कानून के खिलाफ जाने वालों या हथियार, गोला-बारूद ले जा रहे व्‍यक्ति पर गोली चला सकता है।

नई दिल्‍ली। मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है तभी से ही जनता की भलाई और देश के विकास के लिए काम कर रही है। सरकार देश में मौजूद हर उस काम को पूरा कर रही है जो कि पिछली सरकारों द्वारा अधूरा छोड़ा गया था। इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए अब दशकों बाद भारत सरकार ने पूर्वोत्‍तर में ‘अशांत क्षेत्र’ का दायरा कम किया है। जी हां, असम, नगालैंड और मणिपुर में आर्म्‍ड फोर्सेज स्‍पेशल पावर्स ऐक्‍ट (AFSPA) के तहत आने वाले इलाके को घटा दिया है। गुरुवार दोपहर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स‍िलसिलेवार ट्वीट्स में इस फैसले की जानकारी दी।

नरेंद्र मोदी को दिया श्रेय

अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय देते हुए कहा कि सरकार का ये कदम नॉर्थ ईस्ट में सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर होती स्थिति और तेजी से विकास का ही नतीजा है। इसके साथ ही अमित शाह ने पूर्वोत्‍तर के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि दशकों तक भारत का ये हिस्‍सा नजरअंदाज किया गया मगर मोदी सरकार का अब इसी पर फोकस है। बता दें, एक दिन पहले ही, असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों राज्य 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। बता दें, 12 जगहों को लेकरइनके बीच सीमा विवाद जारी था।

amit shah

क्‍या है AFSPA ?

साल 1958 में संसद की तरफ से AFSPA को पारित किया गया था। AFSPA का पूरा नाम The Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 (AFSPA) है। 11 सितंबर, 1958 को अफ्सपा लागू हुआ था। शुरूआत में इसे पूर्वोत्तर और पंजाब के उन क्षेत्रों में लगाया गया था, जिन्हें ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया था। इनमें से ज्यादातर ‘अशांत क्षेत्र’ की सीमाएं पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार से जुड़ी हुई थीं। सितंबर साल 2017 तक मेघालय के करीब 40 फीसदी हिस्से में अफ्सपा लागू था। बाद में गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद राज्य सरकार की ओर से मेघालय से अफ्सपा को पूरी तरह वापस लेने का फैसला किया गया।

फोर्सेज को क्‍या अधिकार होते हैं?

AFSPA के जरिए सुरक्षा बलों के पास कई तरह के अधिकार होते हैं। जैसे कि केंद्र या राज्‍यपाल पूरे राज्‍य या उसके किसी हिस्‍से में AFSPA लागू कर सकते हैं। इसके (AFSPA) तहत आर्म्‍ड फोर्सेज को ये अधिकार भी मिलता है कि वो कानून के खिलाफ जाने वालों या हथियार, गोला-बारूद ले जा रहे व्‍यक्ति पर गोली चला सकता है। बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार भी AFSPA के जरिए मिलता है। सुरक्षा बलों बिना वारंट के इसके जरिए सर्च भी कर सकते हैं। इसके लिए उनपर (सुरक्षा बलों) पर  किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। अफ्सपा के तहत किसी भी तरह की कार्रवाई की जाने पर सैनिकों को एक तरह से मुकदमा से भी राहत मिलती है क्योंकि इसके तहत कि गई कार्यवाही पर सैनिकों के खिलाफ कोई मामला नहीं चलाया जा सकता और न किसी तरह की कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।