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21 वर्षों से त्रिपुरावासियों की सेवा कर रहे स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा को स्वामी विवेकानंद समृद्धि कर्मयोगी पुरस्कार 2021 से किया गया सम्मानित

माय होम इंडिया संस्थान प्रतिवर्ष पूर्वोत्तर भारत के बंधु-भगिनियों के उत्थान के लिए समर्पित होकर राष्ट्रीय चेतना के विस्तार के अनुरूप कार्य करते हुए दिल्ली में सम्मानित करने का कार्य 2013 से करती आ रही है। इस कार्यक्रम में देश के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति भाग ले चुके हैl वहीं कई लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चूका हैl

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में रविवार के दिन शुभ मुहूर्त में हुए कार्यक्रम में पूर्वोत्तर भारत विशेषकर त्रिपुरा में विगत 21 वर्षों से सतत सामाजिक कार्य कर रहे स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा जी को माय होम इंडिया द्वारा स्वामी विवेकानंद स्मृति कर्मयोगी पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गयाl खास बात यह है कि स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा जी का सम्मान स्वामी जितेंद्रानंद जी के हाथों किया गयाl

इस अवसर पर देश के कई जाने-माने प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थेl इस कार्यक्रम में मुख्य उपस्थिति डॉक्टर भागवत किशन राव कराड जी ने की जो कि केंद्रीय राज्य मंत्री हैंl वहीं इस अवसर पर मुख्य अतिथि सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष गौतम ठाकुर रहेl वहीं कार्यक्रम में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव वर्चुअल माध्यम से जुड़ेl माय होम इंडिया के संस्थापक व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री सुनील देवधर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। सभी ने इस अवसर पर स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा जी को बधाई दी और ऐसे ही समाज को जागरूक करते रहने का विनम्र निवेदन भी कियाl

स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा जी ने अपना संपूर्ण जीवन समाज के उत्थान के लिए कार्य करते हुए समर्पित कर दिया हैl विशेषकर उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा में गरीब जनजातीय बच्चों के शिक्षा में अतुलनीय योगदान दिया हैl इसके अलावा वह त्रिपुरा के युवाओं में स्वधर्म, संस्कृति, पारंपरिक व सांस्कृतिक चेतना को भी सींचने में सफल हुए हैंl स्वामी जी ने पूर्वोत्तर में ईसाई मिशनरियों द्वारा लालच से और बलपूर्वक मतांतरण के विरुद्ध शांति काली जी महाराज की परंपरा का पालन करते हुए विगत 21 वर्षों से स्थानीय जनजाति लोगों के स्वधर्म व परंपरागत पूजा पद्धति को भी बचाने का कार्य किया हैl

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इस अवसर पर सुनील देवधर ने हर्ष जताते हुए कहा, ‘माय होम इंडिया संस्था स्वामी विवेकानंद स्मृति कर्मयोगी पुरस्कार 2021 से स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा जी को सम्मानित कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हैl वे त्रिपुरा के पिछड़े हुए विशेषकर जनजाति के लोगों का उत्थान कर देश कार्य में जी-जान से जुटे हुए हैंl हम इस कर्मयोद्धा को वंदन करते हैंl  यह आठवाँ अवार्ड हैl यह स्वामी विवेकानंद की स्मृति में दिया जाता हैl’ इस अवसर पर उन्होंने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश में भी मुख्यमंत्री के संरक्षण में मतांतरण को बढ़ावा दिया जा रहा हैl इसके लिए राज्य के कोष से चर्च व आदि के निर्माण के लिए पैसे भी दिए जा आ रहे हैl  इस पुरस्कार को पाकर गदगद हुए स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा ने माय होम इंडिया के द्वारा पुरस्कृत किए जाने पर आभार भी व्यक्त कियाl उन्होंने कहा, ”मैं अभी भी बहुत कुछ करना चाहता हूंl त्रिपुरा में लालच से धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ हमारे गुरु देव श्री शांति काली जी महाराज ने कड़ा संघर्ष कियाl इसके चलते इसाई मिशनरियों और उग्रवादियों ने उन्हें जान से मार दियाl”

उन्होंने एक हादसे के बारे में भी बताया कि कैसे इसाई धर्म में परिवर्तन करने के लिए उनके बड़े भाई का अपहरण कर लिया गया थाl उनके भाई को दो दिन जंगल में उग्रवादियों ने कैद कर रखा थाl इसके बाद वे उनके भाई पर उनके द्वारा घर वापसी के काम को रोकने के लिए दबाव डालने लगे, लेकिन स्वामी जी नहीं डरे, उन्होंने तय किया कि वे लोगों को जागरूक करते रहेंगेl भले ही उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ेl

स्वामी जी ने बताया कि उन्होंने त्रिपुरा में कई आश्रमों की स्थापना की, इनमें 500 से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैl

स्वामी जितेंद्रानंद जी ने इस अवसर पर कहा, ‘स्वामी विवेकानंद के शब्दों में धर्मांतरण कोई स्वतन्त्र क्रिया नहीं है बल्कि यह राष्ट्रांतरण हैl इसके चलते जिन राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैl वहां देश की एकता और अखंडता को खतरा पैदा हुआ हैl इसका सीधा सा अर्थ है कि जिस राज्य में हिंदू अल्पसंख्यक होगाl वहां समस्या खड़ी होगीl स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा को पुरस्कृत करना सभी साधु-संतों का सम्मान हैl इन्हीं के कारण 5 किलो चावल के बदले धर्मांतरण करने वाले ईसाईयों के कार्य के बाधा आ रही हैl इसलिए उन्हें इस पुरस्कार के लिए साधुवादl

माय होम इंडिया संस्थान  

माय होम इंडिया संस्थान प्रतिवर्ष पूर्वोत्तर भारत के बंधु-भगिनियों के उत्थान के लिए समर्पित होकर राष्ट्रीय चेतना के विस्तार के अनुरूप कार्य करते हुए दिल्ली में सम्मानित करने का कार्य 2013 से करती आ रही है। इस कार्यक्रम में देश के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति भाग ले चुके हैl वहीं कई लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चूका हैl पुरस्कार स्वरुप 1 लाख रुपए की धनराशि, शाल, श्रीफल व अवार्ड देकर सम्मानित किया जाता हैl इस कार्यक्रम में देश के आदरणीय गृह मंत्री अमित शाह जी भी भाग ले चुके हैl

स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा जी के बारे में संक्षिप्त जानकारी

स्वामी चित्तरंजन देबबर्मा एक सन्यासी हैl उन्होंने अपने पढ़ाई पूरी करने के बाद पंचायत सेक्रेटरी के तौर पर सेवा कार्य का कार्य शुरू कियाl एक बार उनकी भेंट स्वामी शांति काली जी महाराज जी से हुईl इसके चलते वह स्वामी शांति काली जी के विचारों से प्रभावित हुए और उन्होंने उनका शिष्यत्व स्वीकार कर लियाl स्वामी जी अपने सामाजिक कार्य के माध्यम से अपने गुरु और समाज के प्रति ज्यादा समर्पित होते गएl जब स्वामी शांति काली जी महाराज की जघन्य हत्या की गईl तब स्वामी जी ने उनकी गद्दी संभाली और उनके द्वारा शुरू किए गए कार्यों को विस्तार देने का कार्य कियाl उन्होंने आश्रम की गतिविधियों को बढ़ायाl साथ ही गरीब और पिछड़े आदिवासी लोगों के शिक्षा, ऑर्गेनिक खेती और सिलाई जैसी अन्य शिक्षाओं की भी शुरुआत कीl स्वामी जी ने अपना जीवन समाज को समर्पित कर दिया हैl वह एक योगी हैं और कर्म के माध्यम से कर्मयोगी बन गए हैंl