नई दिल्ली। संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती के मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ ऐसा कहा है, जिसे लेकर अब चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। हालांकि, अभी तक भागवत की कही बातों पर किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इसे लेकर सियासी गलिया गुलजार भी हो सकती हैं। आइए, पहले ये जान लेते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।
आपको बता दें कि मोहन भागवत ने संविधान निर्माता भीमराव आंबडेकर की जयंती के मौके पर कहा कि पहले हम सभी एक ही थे, लेकिन बाद में विभाजनकारी ताकतों ने जातियों के रूप में विभाजित कर दिया जिसने विदेशी आक्रांताओं को हम पर हमला करने का मौका दे दिया, लेकिन डॉ भीमराव आंबडेकर ने हम सभी को एकजुट किया है, जिसके लिए इतिहास उन्हें हमेशा याद रखेगा। भागवत ने आगे कहा कि हम सभी को देश के विकास के लिए एक साथ आना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब कभी- भी हम देश के विकास के लिए एकजुट हुए हैं, हमने इतिहास रचा है। उन्होंने आगे कहा कि बाबा भीमराव आंबेडकर के जन्म पर एक अद्भुत घटना घटी थी, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है। वहीं, भागवत ने आगे कहा कि स्वतंत्रता में स्वयं की अभियक्ति मुमकिन है। अंबेडकर ने कहा था मतभेदों से ऊपर उठकर देशहित में एक होना होगा आज भी शाखा में बिना सरकारी पैसे के समाजसेवा का काम लोग कर रहे है।
इस तरह से आरएसएस चीफ ने कई मुद्दों को लेकर अपनी राय साझा कीं। हालांकि, अभी तक किसी ने उनकी कही बातों पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इसे लेकर सियासी गलियारों में प्रतिक्रिया व्यक्त की जा सकती है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पर किसकी क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। त