newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

MP: मंत्री जी बोले- सुबह से जनसंपर्क में हूं, कुछ खानों को मिलेगा? इसके बाद बुजुर्ग महिला ने देखिए क्या किया!

Pradhuman Singh Tomar: दरअसल सुबह-सुबह लोगों हाल-चाल लेने के लिए निकले मंत्री तोमर(Pradhuman Singh Tomar) को भूख लग गई थी। ऐसे में वो वार्ड-15 में मंत्री तोमर ने वाल्मीकि समाज के श्यामवीर बाल्मीकि की विधवा माता सफाईकर्मी से हाल-चाल पूछा और उनसे कुछ खाने को मांगा।

भोपाल। लोगों से मिलने के तौर-तरीकों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। बता दें कि 20 दिन बाद जब एमपी के मंत्री तोमर ग्वालियर पहुंचे तो उनके मन में लोगों का हाल-चाल लेने का ख्याल आया। ऐसे में वो सुबह 6 बजे से ही घर से निकल पड़े और लोगों का हाल-चाल जानने लगे। ऐसे में एक समय वो विधानसभा वार्ड-15 के श्रीकृष्ण नगर पहुंचे तो जो हुआ वो अपने आप में भारतीय राजनीति की अलग तस्वीर पेश करता है। दरअसल सुबह-सुबह लोगों हाल-चाल लेने के लिए निकले मंत्री तोमर को भूख लग गई थी। ऐसे में वो वार्ड-15 में मंत्री तोमर ने वाल्मीकि समाज के श्यामवीर बाल्मीकि की विधवा माता सफाईकर्मी से हाल-चाल पूछा और उनसे कुछ खाने को मांगा। मंत्री तोमर ने महिला से कहा- सुबह से मैं जनसंपर्क पर निकला हूं, ऐसे में मैंने सुबह से कुछ खाया नहीं है।

Pradyuman Singh Tomar Madhya Pradehs

उन्होंने महिला से कुछ खाने को मांगा, कहा- सुबह से कुछ खाया नहीं हूं, कुछ खाने को मिलेगा क्या? मंत्री के मुंह से यह सुनते ही वो महिला सकपका गई। इसके बाद भी मंत्री तोमर ने महिला से दोबारा खाने को लेकर कहा। ऐसे में महिला मंत्री के लिए खाने की थाली परोस लाई। जिसके बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सफाईकर्मी के घर खाना खाया और बुजुर्ग महिला से पूछा- माता जी आपको पेंशन मिलती है, क्या?

Pradyuman Singh Tomar Madhya Pradesh

इसपर महिला ने मंत्री को जवाब देते हुए कहा- नहीं मिलती साहेब। इसके बाद मंत्री ने वहीं पर अफसरों को बुलाकर बुजुर्ग महिला की पेंशन चालू करवाई। बता दें कि इसके पहले भी मंत्री तोमर इसी वजह से मीडिया छाए रहे हैं। बता दें कि एक बार बैतूल जिले के सारणी ताप विद्युत केंद्र में प्रद्युम्न सिंह तोमर औचक निरीक्षण के लिए पहुंच गए थे। वहां मंत्री के अचानक निरीक्षण करने से अधिकारियों में चौंक गए। सारणी देख मंत्री ने आउटसोर्स कर्मचारियों को निर्धारित दर से कम वेतन मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद उन्होंने तुरन्त इसकी जांच के निर्देश भी दे दिए थे।