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Chhattisgarh: कांग्रेस विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा, प्रश्नकाल सत्र में उठाया पलायन का मुद्दा

Chhattisgarh: विधायक ने पूछा कि ईंट भट्‌ठा मजदूर या जो कुशल श्रमिक हैं, उनके लिए उनकी विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में उन्हें काम दिया गया है या नहीं? जिसके जवाब में श्रम मंत्री ने कहा कि सभी कलेक्टरों को स्किल मैपिंग का निर्देश दे दिया गया है।

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को पलायन का मुद्दा उठाया गया। अभनपुर से कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू इस मामले में श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया को घेरते हुए नजर आए। डहरिया ने इस मुद्दे पर कहा कि ‘अधिकतर लोगों को मनरेगा के अंतर्गत काम दिया जा रहा है और जो लोग बाहर जा रहे हैं उनके पंजीयन की व्यवस्था की गई है।’ वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने लोगों के पलायन को छत्तीसगढ़ के माथे पर कलंक बताया। सत्र में प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया से सवाल किया कि ‘वर्ष 2021-22 में महासमुंद जिले के कितने मजदूरों ने मजदूरी के लिए दूसरे प्रांतों में पलायन किया है।’ इसके जवाब में श्रम मंत्री ने बताया, ‘चालू वित्तीय वर्ष में महासमुंद जिले के 551 गांवों से 30 हजार 9 मजदूर दूसरे राज्यों में गए हैं, जबकि इसी दौरान दो लाख 50 हजार 547 लोगों को मनरेगा में काम दिया गया। इन सभी मजदूरों को 10 हजार 819 लाख 88 हजार रुपए की मजदूरी भी दी गई है।’ इसके बाद विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि ‘जितने लोगों के बीच ये मजदूरी बांटी गई है, उसके हिसाब से ये केवल 22 दिनों का काम है। ऐसे में किसी व्यक्ति का परिवार कैसे गुजारा करेगा।’ विधायक ने पूछा कि ‘ईंट भट्‌ठा मजदूर या जो कुशल श्रमिक हैं, उनके लिए उनकी विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में उन्हें काम दिया गया है या नहीं?’ जिसके जवाब में श्रम मंत्री ने कहा कि ‘सभी कलेक्टरों को स्किल मैपिंग का निर्देश दे दिया गया है। इसी के आधार पर स्थानीय उद्योगों में नियोजन की व्यवस्था की जा रही है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यहां से अधिक मजदूरी जहां मिलती है, लोग उन राज्यों में चले जाते हैं। उन मजदूरों के लिए पंचायतों में पंजीयन की व्यवस्था की गई है, जो पंजीयन के बिना जा रहे हैं, उन्हें पुलिस के रोकती है और जांच पड़ताल करती है।’

इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने खुद हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘पलायन, छत्तीसगढ़ के माथे पर कलंक है। महासमुंद, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, बिलासपुर जिलों के बहुत से लोग हर साल दूसरे प्रदेशों में रोजगार ढ़ूंढ़ने के लिए जाते हैं, इन लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए।’ वहीं भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी के एक सवाल पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जानकारी दी कि ‘जनवरी 2019 से फरवरी 2022 तक कुल 570 किसानों ने आत्महत्या की है, जिसमें से केवल 2 किसानों ने कृषि संबंधी कारणों से जान दी है, बाकी किसानों की आत्महत्या की वजह दूसरे कारण रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘आत्महत्या के लिए किसी भी प्रकार के मुआवजे का प्रावधान नहीं है लेकिन तीन सालों में सरकार द्वारा की गई कोशिशों से किसानों की आत्महत्या की दर पिछले वर्षों की तुलना में आधी हो गई है।’ प्रश्नकाल सत्र में भाजपा विधायकों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मृत किसानों को 50 लाख देने पर सवाल उठाया, जिसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि ‘वो मुआवजा नहीं था बल्कि मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे से उसे सहायता के तौर पर दिया गया था।’ कांग्रेस के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कोरोना के दौरान सफाई कर्मियों की मौत पर सवाल उठाया। इसके जवाब में डॉ. शिव कुमार डहरिया ने बताया कि ‘दुर्ग-बिलासपुर नगर निगम और महासमुंद नगर पालिका में कुल 4 सफाई कर्मियों की मौत कोरोना के कारण हुई है और इनके परिजनों को 50 हजार रुपए का मुआवजा भी दे दिया गया है, जो कोरोना संक्रमण से मरने वाले हर व्यक्ति के परिजन को दिया जा रहा है।’

जब उनसे अनुकंपा नियुक्ति का सवाल किया गया तो डॉ. डहरिया ने बताया कि ‘सफाई कर्मी का पद पिछली सरकार में ही खत्म कर दिया गया था, जिसकी वजह से उनके किसी भी परिजन को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकी, हालांकि उन्होंने प्लेसमेंट कंपनी के जरिए नौकरी देने पर विचार करने की बात कही।’ वहीं विधायक सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि ‘रायपुर में ही 50 से अधिक प्लेसमेंट सफाईकर्मियों की मौत कोरोना की वजह से हुई है। उनके परिजनों को भी मुआवजा नहीं मिला है।’ कांग्रेस विधायक अनिता शर्मा द्वारा बायोडीजल पंप संचालन की जानकारी मांगने पर, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, ‘प्रदेश में कोई बायोडीजल पंप संचालित नहीं है।’ इस पर विधायक ने कहा कि ‘रायपुर में उनके क्षेत्र में ही पंप संचालित है।’ जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि ‘वो पंप अवैध ढंग से संचालित था, जिसे बंद करा दिया गया है। 2020 और 2021 में इसकी जांच कार्रवाई गई थी।’ मंत्री जी के इस तथ्य का खंडन करते हुए  बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा ने कहा, ‘बायोडीजल पंप अब भी संचालित है और उसे कुछ लोगों द्वारा संरक्षण भी प्राप्त है।’