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मजदूरों की घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध केंद्र ने की समुचित ट्रेनों की व्यवस्था, कुछ राज्यों की वजह से ज्यादा बिगड़े हालात : नकवी

केन्द्र सरकार ने मजदूरों की घर वापसी के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेनों की व्यवस्था की है ,लेकिन कुछ राज्य सरकारों की असहयोग के कारण आज मजदूरों की ऐसी भयावह स्थिति देखने को मिल रही है।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने मजदूरों की घर वापसी के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेनों की व्यवस्था की है ,लेकिन कुछ राज्य सरकारों की असहयोग के कारण आज मजदूरों की ऐसी भयावह स्थिति देखने को मिल रही है। यह कहना है, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का।

Mukhar abbas naqvi
एक बातचीत में केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा, “मजदूरों की घर वापसी के लिये केंद्र व्यवस्था कर रही है। हम श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चला रहे हैं। हम चाहते हैं सभी मजदूर भाई-बहन घर को सुरक्षित लौटे। लेकिन कुछ राज्य सरकार अपने यहां ट्रेनों को चलाने की इजाजत ही नही दे रही है। इसलिए मजबूरी में ये मजदूर भाई घर वापस जा रहे हैं। अब देखिए सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश ने स्पेशल ट्रेनों को चलाया। अकेले उत्तर प्रदेश ने 386 ट्रेनों से लोगो को रेस्क्यू किया है। बिहार ने 204, मध्यप्रदेश ने 66 ट्रेने चलाई। लेकिन उड़ीसा 46, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ ने 7-7 , राजस्थान ने 18 और महाराष्ट्र ने सिर्फ 11 ट्रेने चलाने की इजाजत दी है। विपक्ष शासित राज्य मजदूरों को अपने यहां लेना ही नही चाहते हैं।”

migrant workers train
यह पूछे जाने पर जब सारे मजदूर वापस ही लौट जाएंगे, तो उधोग धंधो को शुरू कैसे किया जाएगा? पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “मजदूर मजबूरी में अपने अपने घरों को जा रहे हैं, जब सारी सहूलियत खुल जाएगी, काम शुरू हो जाएगा तो सभी लौट आएंगे।”

उन्होंने कहा, “केन्द्र सरकार ने अभी 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है। ऐसे में मजदूरी हो, या व्यापार या फिर बड़े उद्योग, सभी को सहायता की जा रही है। केंद्र सरकार को पूरा भरोसा है कि प्रवासी मजदूर भाई बहन एक बार फिर काम पर लौट आएंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना पर उन्होंने कहा, “इससे ‘स्वदेशी सशक्तिकरण’ होगा और सर्वस्पर्शी विकास होगा। इस योजना के जरिये हम स्वदेशी के रास्ते से लोकल को ग्लोबल बनाने की राह पर चल पड़े हैं। इससे इज ऑफ डूइंग बिजनेस, इज आफ डूइंग एग्रीकल्चर, इज ऑफ डूइंग डेयरी सब का विकास होगा।”


इस योजना से तत्काल गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को कैसे फायदा होगा? इस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने 41 करोड़ से ज्यादा गरीब, मजदूर, महिलाओं और वृद्ध के खाते में 52,606 करोड़ रुपए ट्रांसफर किये हैं। अभी संकट है। लेकिन इस संकट को ही अवसर में बदलना होगा। हम स्वावलंबी भारत मे अपने को बदल रहे हैं, इस से ही समस्या का समाधान निकलेगा।”

केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “सरकार संकट को देखते हुये बड़े पैमाने पर सुधार कर रही है। अभी कई राज्यों ने आपने देखा कि श्रम कानून में सुधार लाया , जिससे काम मे तेजी आ पाएगी। केन्द्र सरकार ने भी आवश्यक सेवा कानून 1955 में सुधार किया है, जिससे किसान अब उपज को जरूरत के हिसाब से अपने पास रख सकते हैं और अपनी मर्जी के हिसाब से जिस भी मंडी में उचित दाम मिले , बेच सकते हैं।”

Farmer
कोविड -19 के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की भूमिका की तारीफ करते हुऐ नकवी ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने एक योद्धा की तरह देश को नेतृत्व दिया है। उनकी भूमिका देश ही नही पूरे विश्व के लिये संकट मोचक के रूप में सामने आयी है। उन्होंने समय समय पर लोगों का आत्मविश्वास बढाया है। ग्लोबल लीडर की तरह विश्व के अन्य देशों की मदद की है।”

कोरोना संक्रमण के दौरान तबलीगी जमात की भूमिका पर उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नही है कि पूरे भारत मे इन लोगों ने ‘कोरोना कैरियर’ बनने का काम किया है। इनकी वजह से ही पूरे देश मे यह वायरस फैला। यह एक बड़ी आपराधिक लापरवाही थी, इस पर कानून अपना काम कर रहा है। लेकिन उन्होंने याद दिलाया कि किस कदर कुछ लोगों ने तबलीगी जमात की कृत्य का बचाव किया ,वो हैरान करने वाला है।”


उन्होंने कहा कि अगर तबलीगी से जुड़े लोग ,इस घटना पर माफी मांगते तो बढ़िया होता। लेकिन उल्टे कई लोग तबलीगी के इस काम को सही करार करते दिख रहे हैं ,यह चिंता का विषय है।

केन्द्रीय मंत्री ने अभी हाल ही में मध्यप्रदेश में जैन समाज का उदाहरण देकर समझाया कि कैसे एक कार्यक्रम में भीड़ जमा हो गयी थी। लेकिन जैसे ही उनको अपनी भूल का एहसास हुआ,वो वापस घरों को लौट गए । इस घटना पर सभी प्रमुख जैन संतो ने माफी मांगी। समाज का आचरण ऐसा ही होना चाहिये।