newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Uttar Pradesh: म्युनिसिपल बांड के जरिए बदलेगी यूपी के शहरों की तस्वीर

Uttar Pradesh: बीएसई में लिस्टेड 40 कंपनियों ने निगम के बॉन्ड खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि निगम सिर्फ 150 करोड़ रुपये ही बाजार से लेगा। म्युनिसिपल बांड के जरिए जुटने वाली 150 करोड़ की रकम को टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) की परियोजना पर खर्च किया जाएगा।

लखनऊ। स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश की योगी सरकार ने शहरों तस्वीर बदलने का काम शुरू कर दिया है। म्युनिसिपल बांड के जरिए प्रदेश के नगर निगम शहरों की तस्वीर बदलने में जुट गए हैं। नगर निगम लखनऊ के बाद गाजियाबाद ने भारत में अपने पहले ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड के जरिए अब तक 150 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस पैसे से साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में सीवरेज को शोधित कर उन्हें उद्योगों को सप्लाई किया जाएगा। इस परियोजना पर 240 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा बनारस, आगरा और कानपुर नगर निगम भी जल्दी अपना म्युनिसिपल बांड जारी करने की तैयारी में हैं।गाजियाबाद नगर निगम के 150 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड के सापेक्ष बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के ऑनलाइन प्लेटफार्म पर 401 करोड़ की बोली लगी।

Yogi Adityanath

बीएसई में लिस्टेड 40 कंपनियों ने निगम के बॉन्ड खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि निगम सिर्फ 150 करोड़ रुपये ही बाजार से लेगा। म्युनिसिपल बांड के जरिए जुटने वाली 150 करोड़ की रकम को टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) की परियोजना पर खर्च किया जाएगा। नगर निगम सीवर के अशुद्ध जल को साफ करके उसे साहिबाबाद की औद्योगिक इकाइयों को प्रयोग के लिए पुन: बेंचेगा। इसके तहत इंदिरापुरम में एक टीएसटीपी का निर्माण होगा। 240 करोड़ की इस परियोजना की 150 करोड़ की रकम ग्रीन म्युनिसिपल बांड से और बकाया 90 करोड़ की रकम अवस्थापना निधि से खर्च की जाएगी। इस योजना से भूजल का अंधाधुंध दोहन रुकेगा, साथ ही जल प्रदूषण में भी कमी आएगी।

Nagar Nigam Ghaziabad

गौरतलब है कि ग्रीन बॉन्ड अपने आप में सबसे अनूठा बॉन्ड है। इस बॉन्ड से जुटाई गई रकम को संस्था, सरकारी समूह या कारपोरेट्स समूह पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी परियोजनाओं के लिए खर्च करते हैं। गाजियाबाद नगर निगम की ओर से जारी 150 करोड़ का ग्रीन बॉन्ड वॉटर रिसाइकिल आधारित परियोजना के लिए जारी किया गया है।

2 दिसंबर 2020 को लखनऊ नगर निगम ने भी प्रदेश की राजधानी को स्मार्ट बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए का बॉन्ड जारी किया था। कोविड आपदा के कालखंड में भी निवेशकों ने योगी सरकार पर भरोसा जताया और एलएमसी बॉन्ड को बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज में हाथों हाथ लिया गया। नतीजन एलएमसी का बॉन्ड 225 फीसदी से अधिक सब्सक्राइब हुआ है। बीएसई में लिस्टिंग समारोह में रिंगिंग बेल सेरेमनी में खुद मुख्यमंत्री योगी ने परंपरानुसार बेल बजाकर लखनऊ नगर निगम का म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किया था। लखनऊ नगर निगम की सफलता को देखने के बाद आगरा, बनारस, कानपुर भी म्युनिसिपल बॉन्ड जारी कर अपने शहरों में सफाई व विकास का नया खाका खींचने की तैयारी में जुट गए हैं।