
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की मिली-जुली महाविकास अघाड़ी सरकार के सामने नई मुश्किल पैदा हो गई है। अंग्रेजी अखबार ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ में छपी खबर के मुताबिक कांग्रेस के 25 विधायकों ने सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की सरकार खिलाफ बगावत कर दी है। इन कांग्रेस विधायकों ने पूरे मसले पर बात करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का वक्त भी मांगा है। विधायकों ने कहा है कि उद्धव ठाकरे की सरकार में शामिल कांग्रेस के ही मंत्री उनकी बात नहीं सुनते हैं। विधायकों ने सोनिया गांधी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
अखबार के मुताबिक विधायकों ने कहा है कि अगर उद्धव सरकार के मंत्री इसी तरह उनकी अनदेखी करते रहे, तो वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम कैसे करेंगे और जब काम ही नहीं होगा, तो अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन भला कैसे करेगी। विधायकों ने सोनिया को लिखी चिट्ठी में कहा है कि कांग्रेस कोटे के हर मंत्री को उनके मुद्दों को सुलझाने का जिम्मा दिया गया था। हर मंत्री को तीन विधायक दिए गए थे। सरकार बनने के बाद ऐसा हुआ था, लेकिन हमें अब इस बारे में बताया गया है और ये भी हम नहीं जानते कि किस मंत्री से कौन विधायक काम कराए।
कांग्रेस के विधायकों ने ये आरोप भी लगाया है कि ऐसे हालात में कांग्रेस उद्धव सरकार के एक अन्य घटक एनसीपी से पिछड़ रही है। विधायकों ने चिट्ठी में लिखा है कि एनसीपी के नेता और उद्धव सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार लगातार अपनी पार्टी के विधायकों से मिलते हैं, उनकी बात सुनते हैं और योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था भी कराते हैं। उन्होंने ये भी लिखा है कि एनसीपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साधती है। अगर अभी कदम नहीं उठाया गया, तो कांग्रेस बाकी राज्यों की तरह महाराष्ट्र में हाशिए पर चली जाएगी।