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Gyanvapi Masjid News: जिला जज ने फैसला रखा सुरक्षित, कल आएगा फैसला, जानें क्या-क्या हुआ आज कोर्ट में

ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर जिला कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। दोनों ही पक्ष कोर्ट में पहुंच चुके हैं। कोर्ट में दोनों ही पक्ष अपनी दलीलें रख रहे हैं। 

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर जिला कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। दोनों ही पक्ष कोर्ट में पहुंच चुके हैं। कोर्ट में दोनों ही पक्ष अपनी दलीलें रख रहे हैं। ध्यान रहे कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई संपन्न होने के लिए 8 सप्ताह का वक्त दिया था। कोर्ट में महज वकील ही मौजूद हैं। बता दें कि हिंदू पक्ष की ओर ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की इजाजत मांगी गई है। मंदिर में प्राप्त हुए शिवलिंग की पूजा करने की मांग की गई है। नंदी के पश्चिमी दीवार को तोड़कर मलबा निकालने की मांग की गई है। शिवलिंग की लंबाई चौड़ाई मापने के लिए  सर्वे की मांग की गई है। वजूखाने के लिए वैकल्पित इंतजाम की मांग की गई है। उधर, मुस्लिम पक्ष की तरफ से वजूखाने को सील करने की मांग की गई है। वहीं, 1991 के प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का भी हवाला दिया है। अब ऐसी स्थिति में देखना होगा कि जिला जज की ओर से क्या कुछ फैसला सुनाया जाता है। ध्यान रहे कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज में सुनवाई की जाने की मांग की गई थी।

उधर, पांच याचिकाओं में से चार याचिकाकर्ता ही कोर्ट में मौजूद है। अजय मिश्रा को कोर्ट में जाने की इजाजत नहीं दी गई है। बता दें कि इस वक्त कोर्ट में सिर्फ 23 लोग ही मौजूद है। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कई पहलू पर सुनवाई हो रही है। उधर, पूरी वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है और हर प्रकार की गतिविविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। वहीं, सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देकर कहा जा रहा है कि आजादी के बाद किसी भी धार्मिक स्थल के मूल रूप को न बदला जाए।

लेकिन हिंदू पक्ष की ओर से पूजा किए जाने की मांग की गई है। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि इस पर सुनवाई होनी ही नहीं चाहिए था। यहां तक की इसका सर्वे भी नहीं किया जाना चाहिए था। लेकिन कोर्ट ने यह कहकर सभी को मौन रहने की सुझाव दे दिया था कि यह लड़ाई मालिकाना हक का है। उधर,  ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज ने सुनवाई कर दिया है। आपको बता दें कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से अभय नाथ यादव ने दीन मोहम्मद के 1936 के केस का हवाल दिया है. कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में लंबे समय से नमाज पढ़ी जा रही है इसलिए  वह मस्जिद है और उच्च न्यायालय ने भी मुस्लिम पक्ष में फैसला दिया था।

अब ऐसे में जब कल यानी को मंगलवार को जब इस पूरे मसले पर कोर्ट का फैसला हिंदू पक्ष में आता है या मुस्लिम पक्ष पर। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम