
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद हर तरफ उत्साह का माहौल है। वहीं पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले के सिणधरी में बीते बुधवार को राम जन्म भूमि पूजन के अवसर पर कई वर्षों से हिंदू रीति-रिवाज अपना रहे 50 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म में घर वापसी की है। ढाढ़ी जाती समाज से ताल्लुक रखने वाले 50 परिवारों के मुखिया ने कहा कि औरंगजेब के समय उनके पूर्वज हिंदू थे, जिन्होंने दवाब में आकर मुस्लिम धर्म को अपना लिया था लेकिन आज हम सभी ने अपनी मर्जी से हिंदू धर्म में वापसी की है।
गुरुवार को इन परिवारों ने भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीर के समक्ष पूजा-अर्चना की। हिन्दू धर्म अपनाने वाले परिवारों के बुजुर्गों का कहना है कि उनके पूर्वज हिन्दू थे। लेकिन कई पीढ़ियों पहले दबाव में हम लोगों ने मुस्लिम धर्म अपना लिया था। वैसे हिंदू धर्म के कई त्योहार शुरू से ही मनाते रहे हैं। अब इतिहास का ज्ञान का होने के बाद उन्होंने बिना किसी के दबाव के स्वेच्छा से हिन्दू धर्मग्रहण किया है। ये परिवार कंचन ढाढी जाति (समारोह में ढोल बजाने वाले) से संबंध रखते हैं।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के सिणधरी उपखंड के मोतीसरा गांव में रहने वाले 50 मुस्लिम परिवारों के बुजुर्ग सुभनराम ने बताया कि मुगल काल में मुस्लिमों ने हमें डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया था लेकिन हम हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे, मुस्लिम हमसे दूरी रखते थे। इतिहास की जानकारी होने के बाद हमने इस चीज के ऊपर गौर किया कि हम हिंदू हैं और हमें वापस हिंदू धर्म में जाना चाहिए। हमारे रीति-रिवाज पूरे हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं, इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई और फिर घर पर हवन यज्ञ कराकर जनेऊ पहनकर परिवार के सभी 250 सदस्यों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी कर ली।
ढाढ़ी जाति से ताल्लुक रखने वाला परिवार पिछले कई सालों से हिंदू रीति-रिवाजों का पालन कर रहा था। वह हर वर्ष अपने घरों में हिंदू त्यौहारों को ही मनाते आ रहे हैं। कभी भी कोई धार्मिक कार्य मुस्लिम रीति रिवाज से नहीं किया है। घर वापसी करने वाले हंसा खान उर्फ हंसराज के अनुसार पुरातन काल में मुगल बादशाह के समय जबरदस्ती धर्मांतरण करवाया गया था लेकिन हम हिंदू देवी-देवताओं को मानते थे एवं हिंदू धर्म से ही संबंध रखते थे।